आशा दिनकर एक बड़ी रचनाकार के साथ-साथ बड़ी दिल वाली भी हैं- डॉ दीपिका सुतोदिया सखी
आशा दिनकर के ग़ज़लों में जीवन की वास्तविकता और सच्चाई बार-बार उभरती है जो यथार्थपरक है- डॉ बैजनाथ शर्मा मिन्टू
ग़ज़ल संग्रह “ख़्वाबों की ख्वाहिश” में जीवन के विविध रंग समाहित हैं- डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव
आशा दिनकर की शायरी में प्रेम-मुहब्बत के कई रंग – भोलानाथ कुशवाहा
मिर्ज़ापुर। आशा दिनकर द्वारा लिखे गए ग़ज़ल संग्रह “ख़्वाबों की ख्वाहिश” का विमोचन करते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवस्तव ने कहा कि आशा दिनकर के ग़ज़ल संग्रह “ख़्वाबों की ख्वाहिश” में जीवन के विविध रंग समाहित हैं। उनकी ग़ज़लों को पढ़कर लगता है कि वह एक वरिष्ठ और समृद्ध रचनाकार हैं। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने कहा कि आशा दिनकर ने अपनी ग़ज़लों में ग़ज़लियत के फॉर्म को बरकरार रखते हुए बहुत सारी बातें कही हैं। उनके यहाँ प्रेम-मुहब्बत के कई रंग देखने को मिलते हैं जो पाठक को सहज ही आकर्षित करते हैं। मुख्य वक्ता कतर से ऑनलाइन जुड़े डॉ बैजनाथ शर्मा ने आशा दिनकर के ग़ज़ल संग्रह पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए कहा कि उनकी ग़ज़लों में जीवन की वास्तविकता और सच्चाई बार-बार उभरती है जो यथार्थपरक है। कार्यक्रम में विशेष रूप से आमन्त्रित असम की मशहूर कवयित्री डॉ दीपिका सुतोदिया ने आशा दिनकर को ग़ज़ल संग्रह के लिए बधाई देते हुए कहा कि वह एक बड़ी रचनाकार के साथ-साथ बड़े दिल वाली भी हैं। इस पुस्तक को आशा दिनकर ने मुझे समर्पित किया है इसके लिए इनका आभार। ग़ज़ल संग्रह की रचयिता आशा दिनकर ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ देखा और भोगा है वही उनकी ग़ज़लों में आया है। पूरे कार्यक्रम का ऑनलाइन संचालन शिब्बू ग़ाज़ीपुरी और सृष्टि राज ने संयुक्त रूप से किया।
इसके पश्चात आयोजित हुए कविगोष्ठी में कार्यक्रम में शामिल सभी रचनाकारों ने काव्यपाठ किया। अंत में सृष्टि राज ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के माध्यम से अनेकों साहित्यकारों ने आशा दिनकर को बधाइयाँ दीं जिनमें- लव व कुश तिवारी, गोपाल जी राय, हेमलता तोदी, आनंद अमित आदि शामिल थे।