कमिंग सून

अधिदर्शक जी द्वारा रचित पुस्तक ‘आपके हाथ में गुलाब आए’ | हिंदी श्री पब्लिकेशन

आपके हाथ में गुलाब आए

अधिदर्शक का ये दीवान पिछली सदी के आखिरी दो दशकों में तेजी से बदल हिन्दुस्तान की सांस्कृतिक राजनैतिक- सामाजिक छटपटाहट को बड़ी शाइस्तगी से बयान करता है। उनकी ग़जलों में हकीकत ज्यादा है और फ़साना कम है। ये गज़लें जैसे टैगोर के ‘भयमुक्त ‘चित्र’ का वितान रचती हैं। इन गज़लों में जो कशिश है वो […]

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जीना इसी का नाम है | पुस्तक | अनिल कुमार राय | हिंदी श्री पब्लिकेशन

जीना इसी का नाम है

जीना इसी का नाम है पुस्तक यहाँ से खरीदें Click Here लेखक की बात- मैं मेहनतकश हूँ, मेहनत से गहरा नाता है,हारी बाजी को जीतना बखूबी हमें आता है। इस कविता संग्रह की प्रस्तावना लिखते हुए मुझे याद आ रहा है कि पहली बार मुझे कविता को नजदीक से देखने-सुनने का मौका अपने मामा जी

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लॉक डाउन पार्क | आयुष्मती आयुष | हिन्दी श्री पब्लिकैशन | lock down park | hindi shree publication |

lockdown park

शीघ्र प्रकाशित होने वाली है आयुष्मती आयुष की “लॉक डाउन पार्क” ( Lock Down Park ) काव्य संग्रह शीघ्र प्रकाशित होने वाली आयुष्मती आयुष की “लॉक डाउन पार्क” ( Lock Down Park ) काव्य संग्रह के बारे में डॉ अनुराधा शुक्ला मिश्रा के विचार परम्परा ? परिपाटी ? प्राण रक्षा ? सुयोग से बहन आयुष

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रेलवे फाटक | आनंद अमित

railway fatak by anand amit

आनंद अमित की कहानियों का संकलन है “रेलवे फाटक” “रेलवे फाटक” कहानी संकलन ग़ाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश के कवी व् लेखक आनंद अमित जो की वर्तमान में मिर्ज़ापुर में रह रहे हैं, की कहानियों का संग्रह है। इस कहानी संकलन में छाता, दादी अम्मा के सिक्के, रेलवे फाटक, सूनी छत, कच्ची मिटटी, धुंध और आज़ादी के

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जिंदगी को गुदगुदाते शब्द | भस्मधारी अलग | जल्द प्रकाशित हो रही है

gudgudate shabd

जिंदगी को गुदगुदाते शब्द अनूप अलग जी की भावनाओं का समंदर है. भस्मधारी “अलग” ने अपनी कविताओं में आध्यात्म और दर्शन के साथ – साथ सामाजिक विषयों पर भी अपनी कलम चलाई है। पिता श्री राजेन्द्र प्रसाद और माता से प्राप्त संस्कारों की झलक इनके व्यक्तित्व के साथ – साथ इनकी रचनाओं में भी दिखाई

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कुछ एहसास वेद प्रकाश प्रजापति जी की कविताओं का संग्रह शीघ्र प्रकाशित हो रही है

Kuchh ehsaas

कुछ एहसास ऐसे होते हैं जिन्हें कलमबद्ध करके मन को असीम शांति और सुख की अनुभूति होती है। वी पी प्रजापति जी ने भी “कुछ एहसास” के माध्यम से उसी सुख-शान्ति को प्राप्त करना चाहा है। “कुछ एहसास” एक ऐसा काव्य संग्रह है जिसमें वी पी प्रजापति जी ने अपने साथ कार्य करने वाले अधिकारियों

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