कुछ एहसास ऐसे होते हैं जिन्हें कलमबद्ध करके मन को असीम शांति और सुख की अनुभूति होती है। वी पी प्रजापति जी ने भी “कुछ एहसास” के माध्यम से उसी सुख-शान्ति को प्राप्त करना चाहा है।
“कुछ एहसास” एक ऐसा काव्य संग्रह है जिसमें वी पी प्रजापति जी ने अपने साथ कार्य करने वाले अधिकारियों या अपने उच्चाधिकारियों के ऊपर कविता लिखी है। इन कविताओं में उन अधिकारियों के साथ बिताये गए अनमोल क्षणों के साथ-साथ उनके कार्यकलापों को भी शब्दों का रूप दिया गया है।
कई वर्षों तक प्रति दिन कई – कई घण्टे तक साथ-साथ कार्य करने के बाद एक दूसरे को लोग अत्यधिक गहराई तक जानने और समझने लगते हैं। आपस में अपनत्व का भाव उत्त्पन्न हो जाता है। उन भावों को वी पी प्रजापति जी ने बहुत ही रोचक ढंग से अपनी कविताओं में लिखा है। ये कविताएं कभी आपको गुदगुड़ाएंगी तो कभी गम्भीर भी करेंगीं।
छंद और कविता के विधि-विधान के बंधनों से मुक्त वी पी प्रजापति जी की कविताओं में सरसता है, अल्हड़पन है, अपनत्व के भाव हैं।
इस पुस्तक में संकलित कविताओं की एक विशेषता यह भी है कि ये सभी कविताएँ किसी न किसी व्यक्ति के “रिटायरमेंट” पर लिखी गईं हैं। मेरी जानकारी में “कुछ एहसास” पहला काव्य संग्रह होगा जो सेवानिवृत्ति विशेष है।
इस एकदम से अनूठी पुस्तक “कुछ एहसास” को लिखने वाले वी पी प्रजापति जी को हार्दिक शुभकामनाएं।आनन्द “अमित”
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