डॉ. उषा कनक पाठक की पुस्तक ‘प्रियतम को/की पाती’ का हुआ विमोचन

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साहित्यिक धारा से सुसम्पन्न करना  है जनपद को- प्रो. शिशिर कुमार पाण्डेय

मिर्जापुर के माहेश्वरी लॉन परिसर में बंग महिला से लेकर डॉक्टर उषा कनक पाठक तक के मिर्जापुर के महिला साहित्यकारों पर एक विमर्श और पुस्तक चर्चा विषयक गोष्ठी में डॉक्टर उषा कनक पाठक की हिंदी श्री पब्लिकेशन से नवप्रकाशित पुस्तक प्रियतम को/ की पाती का विमोचन हुआ । जगतगुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शिशिर कुमार पांडेय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे।  कुलपति महोदय ने कहा कि मिर्जापुर की धरती साहित्यिक युग का बीजवपन करती  है। पुस्तक का  काव्यशास्त्रीय निरूपण करते हुए विशिष्ट वक्ता यथार्थ पाण्डेय ने इसका मूल्यांकन किया। मॉरीशस की धरती से चलकर आईं  डॉक्टर हूसिला देवी रिसौल कल्चरल हेड इंडोमारीशस, भारतीय और मॉरीशस की संस्कृति पर अपने विचार रखे और वैश्विक परिदृश्य में राम को वैश्विक नायक के रूप में प्रदर्शित किया । किस तरह से मॉरीशस में राम लोकनायक के रूप में विद्यमान हैं इस पर भी विशिष्ट चर्चा की । इस अवसर पर डॉ उषा कनक पाठक को हिंदी श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।

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स्वागत भाषण से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत वरिष्ठ पत्रकार और आध्यात्मिक चिंतक सलिल पाण्डेय  ने किया । पुस्तक के विभिन्न पहलुओं पर प्रोफेसर विद्याशंकर त्रिपाठी  डॉ सच्चिदानंद पाठक और डॉक्टर श्याम नारायण तिवारी ने अपने विचार रखे । संचालन  अभिनव पाण्डेय, आभार ज्ञापन उमा शंकर पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर संयोजक सौरभ पाठक सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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