पिता दिवस पर बेहतरीन कवितायें | हिन्दी श्री पब्लिकैशन

पिता दिवस

5. मेरे पिता

हमारे पिताश्री की क्या हम बात करे।
बच्चो पर जो जान निव्छावर करते।
दूख अपने छुपाते हर दम मुस्कुराते।
अपनी खुशियों को जो बच्चो पर लुटाते।।
हमारे पिता कुछ अलग नजर आते।
खुन पसिना से बच्चो के भविष्य सिचते।
अभावो में रहकर बच्चो की मांग पुरी करते।
पिता होने का अपना फर्ज जो निभाते।।
बच्चो के लिये पिता वरदान से कम नहीं।
धरती पर ईश्वर से पिता कुछ कम नहीं।
बिन मांगे जो देते मन की बात जान लेते।
पिता हमारे हमको ईश्वर सा सवरक्षण देते।।

-कुन्दन पाटिल देवास
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