पिता दिवस पर बेहतरीन कवितायें | हिन्दी श्री पब्लिकैशन

पिता दिवस

8. पिता

पिता का अथाँह प्यार ,आप नहीं जान सको ,
खुद  की  न  सोचता  वो , देव  बन  जाइये I

सुख में हँसाए हमें , दुःख न बताए हमें ,
जिसपे  हो  नाज  सदा , मत  ठुकराइये I

उनकी जरूरतों को , कभी नहीं जान पाए,
माँग   पूर्ति   में ही सदा , उमर  गँवाई  ये  I

पिता का हो छत्र जब , दुःख हर जाएँ सब ,
“माधव”  कभी  भूल  से , मत  ठुकराइये l

-सन्तोष कुमार प्रजापति ‘माधव’
संतोष कुमार माधव
कवि संतोष कुमार माधव
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