गोरखपुर में वर्ष 1997 में स्थापित साहित्यिक संस्था “कविलोक” सार्थक सृजन मंच के 25 वर्ष पूरे होने पर इसका रजत जयंती समारोह स्थानीय होटल के सभागार में आयोजित किया गया.
समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक प्रो. रामदेव शुक्ल ने की तथा मुख्य समागत गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कृष्ण चंद्र लाल,विशिष्ट समागत जोधपुर से पधारे ‘मरु-गुलशन’ साहित्यिक पत्रिका के संपादक अनिल अनवर रहे l काव्य संकलन की समिति समीक्षा श्री राकेश त्रिपाठी,पूर्व महाप्रबंधक (परिचालन) पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर ने की l रजत जयंती समारोह का संचालन कविलोक के सचिव, राजेश राज ने किया l
अपने पिता नवाब शाहाबादी की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम के लिए विदेश से आए अनुप्रिय ने कहा -” वैसे तो कविलोक के कार्यक्रम लखनऊ दिल्ली जोधपुर आदि अनेक शहरों में होते रहे हैं पर चूँकि कविलोक का जन्म गोरखपुर में हुआ था इसलिए रजत जयंती समारोह गोरखपुर में ही करने का निश्चय किया गया l”
– इस अवसर पर आशुकवि राजेश राज द्वारा सम्पादित – हिंदी श्री पब्लिकेशन से प्रकाशित – देश विदेश के चुनिंदा रचनाकारों की कविताओं का संकलन ‘कविलोक के सितारे’ का लोकार्पण भी हुआl साथ ही अनेक रचनाकारों को सम्मानित भी किया गया जिनमें,
कविलोक के संस्थापक ‘नवाब’ शाहाबादी की स्मृति में “कविलोक गौरव सम्मान” अनिल वर्मा ‘मीत’ नई दिल्ली को, श्रीमती गीता श्रीवास्तव स्मृति “कविलोक शक्ति सम्मान” श्रीमती योगिता शर्मा ‘ज़ीनत’ जयपुर को, उस्ताद शायर ‘महशर’ बरेलवी स्मृति – “कविलोक कलमकार सम्मान” गोरखपुर के “सृजन गोरखपुरी” को प्रदान किया गया l इसी के साथ शहर के वरिष्ठ रचनाकारों 90 वर्षीय ग़ज़लकार श्री सुरेंद्र शास्त्री को एडवोकेट श्री कृष्णजी श्रीवास्तव स्मृति में “जीवन समग्र लब्धि सम्मान” एवं व्यंग्यकार आर डी एन श्रीवास्तव को शायर राज पटनवी स्मृति -“जीवन समग्र लब्धि सम्मान” ( लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड) से सम्मानित किया गया l सम्मानित होने वाले रचनाकारों का परिचय कवयित्री चारुशिला सिंह ने पढ़ा, इसके पश्चात उन्हें नवाब शाहाबादी परिवार एवं अन्य शायरों के परिवार के सदस्यों द्वारा माल्यार्पण कर अंगवस्त्र, मानपत्र, स्मृति चिन्ह, नारियल एवं पत्र पुष्प प्रदान कर सम्मानित किया गया l
कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ शारदा के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन के पश्चात कवयित्री प्राची राज की सरस्वती वंदना से हुआ l इसके पश्चात कवयित्री प्राची राज, डॉक्टर रंजना वर्मा,डा.चारु शीला ने समवेत स्वर में संस्था गीत -“कविलोक है उसके लिए…. ” का गायन किया l संस्था के सचिव गीतकार राजेश राज ने सभी का स्वागत करते हुए कविलोक की उत्पत्ति एवं इसके देशव्यापी कार्यक्रमों की जानकारी दी l जोधपुर से पधारी मृदुला श्रीवास्तव ने नवाब शाहाबादी की ग़ज़ल सस्वर पढ़ के वाहवाही लूटी l
कविलोक के संस्थापक नवाब शाहाबादी के परिचय में अपने व्यक्तव्य के साथ जोधपुर से आये अनिल अनवर ने हर प्रदेश में कविलोक की शाखा संचालित करने हेतु एक एक स्थानीय सचिव के चयन का प्रस्ताव रखाl लोकप्रिय वक्ता एवं पूर्वोत्तर रेलवे में मुख्य परिचालन प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त राकेश त्रिपाठी ने ‘कविलोक के सितारे’ साझा काव्य संकलन की समीक्षा करते हुए इसे पठनीय एवं संग्रहणीय बतायाl मुख्य समागत प्रो. कृष्ण चन्द्र लाल ने कविलोक के आयोजनों की गरिमा, भव्यता, एवं रचनाकारों को प्रकाश में लाने और उन्हें परिमार्जित करने के प्रयासों की प्रशंसा की और इसका श्रेय संस्था के सचिव राजेश राज को देते हुए संस्था के 25 वर्ष पूरे होने को उपलब्धि बताया l
समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो. रामदेव शुक्ल ने कहां के साहित्यिक कार्यक्रमों में ऐसी सारगर्भित प्रस्तुति, गुणवत्ता एवं अनुशासन कम देखने को मिलता है जैसा कि कविलोक के इस आयोजन में देखने को मिला l प्रोफ़ेसर शुक्ल ने वरिष्ठ रचनाकारों के सम्मान के साथ साथ कविता को किसी भी रूप में संरक्षण प्रोत्साहन देने वालों को भी सम्मानित करने के लिए सचिव राजेश राज को साधुवाद दिया l कार्यक्रम में नवाब शाहाबादी की धर्मपत्नी श्रीमती मंजुला सहाय, पुत्रवधू कैप्टन मोनिका, प्रपौत्र आन्या, अर्जुन, अनुपम श्रीवास्तव, वर्षा श्रीवास्तव आदि का अथक परिश्रम रहा l
चार घंटे चले इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉक्टर आशीष जसवल, मान्धाता सिंह, रैम्पस लॉ कालेज के प्रबन्धक सी. पी. श्रीवास्तव, प्रवीर आर्य,उदय भान सिन्हा, एडवोकेट रामकुमार, श्रीमती अंजू श्रीवास्तव, शायर महशर बरेलवी के पुत्र विपिन श्रीवास्तव, श्रीमती रीना श्रीवास्तव, कवि धीरज मिश्र (लखनऊ), सुधीर श्रीवास्तव, निशा राय, कुमार अभिनीत,मदन लाल, देवी प्रसाद सहित भारी संख्या में कविताप्रेमी उपस्थित थे l अंत में आभार ज्ञापन श्रीमती मंजुला सहाय ने किया l