शोध पत्र

बाल साहित्य में परीकथाओं की प्रासंगिकता | कृष्ण बिहारी पाठक

कृष्ण बिहारी पाठक

बाल साहित्य चाहे किसी भी देश-काल, समाज – संस्कृति का हो और वह चाहे किसी भी विधा में उपस्थित हो, बाल साहित्य कहलाने के लिए उसमें दो प्राथमिकताएं अवश्य तय होनी चाहियें। प्रथम तो यह कि वह बालकों के लिए हितकर हो तथा दूसरी यह कि वह रुचिकर हो। हितकर का संबंध उन पहलुओं से […]

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विश्व भाषाओं की रैंकिंग में हिन्दी प्रथम स्थान पर  –  कुछ विचारणीय तथ्य | डॉ.  जयंती प्रसाद नौटियाल

हिन्दी नं 1 स्थान पर

प्रस्तावना : विश्व में हिन्दी की रैंकिंग के संबंध में यह  शोध 1981 में शुरू हुआ और 1983 में इसका पहला संस्करण जारी हुआ जो दिल्ली में आयोजित तीसरे विश्व हिन्दी सम्मेलन में वितरित किया गया । उसके उपरांत हर दो वर्ष में 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर  इस शोध को

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