संभावना सच हो सकती है- भवेशचंद्र जायसवाल जी की प्रकाशित पुस्तक का नाम है । भवेश जी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा लिखी पुस्तकें उनके विचारों को जिंदा रखे हुई हैं। 19 जून को भवेशचंद्र जायसवाल जी की जयंती है। उन्हें सत सत नमन …
भवेशचंद्र जायसवाल जी को याद करते हुए मिर्जापुर के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा जी लिखते हैं-
प्रिय साथी भवेशचंद्र जायसवाल जी की आज 19 जून को जयंती है । सन् 2016 में 22 जूनको उनका निधन हो गया था। आज वह हमारे बीच नहीं हैं परन्तु उनकी याद आती रही है। इलाहाबाद में एजी आफिस में सेवा के चलते वह साहित्य जगत के अनेक मूर्धन्य लोगों के सम्पर्क में रहे और वहीं से समकालीन हिंदी कविता के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में उभरे । कविता लेखन को लेकर वह बहुत सतर्क थे। कविता को वह बहुत ध्यान से सुनकर सटीक टिप्पणी देते थे। उनके काव्य संग्रह “संभावना सच हो सकती है” को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने पुरस्कृत भी किया था। उनके निधन के बाद उनकी जयंती पर प्रति वर्ष उनके घर पर कविगोष्ठी का आयोजन होता रहा है। इस वर्ष कोरोना के चलते गोष्ठी नहीं हो पा रही है। ऐसे यशस्वी कवि को अपने बीच न पाकर मैं अपने को अकेला महसूस कर रहा हूँ। उनको मेरी श्रद्धांजलि। उनकी दोनों पुत्रियाँ श्रुति जायसवाल और इला जायसवाल अच्छी कविताएँ लिखती हैं। उनको मेरी शुभकामनाएँ । उनकी पत्नी मीना जायसवाल जी के लिए सद्भावना।
–भोलानाथ कुशवाहा, वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार,