ऐ चाँद ज़रा मुस्का देना का ऑनलाइन विमोचन मिर्ज़ापुर से-
मिर्ज़ापुर। कोरोना के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर वरिष्ठ कवि जय प्रकाश प्रजापति की पुस्तक “ऐ चाँद ज़रा मुस्का देना” का विमोचन मिर्ज़ापुर से ऑनलाइन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कवि व DPO डॉ अमरेंद्र पोतस्यायन जालौन से जुड़े। कार्यक्रम की अध्यक्षता मिर्ज़ापुर के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में जालौन से चर्चित कवयित्री प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम और मुम्बई से एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस के डी जी एम वेद प्रकाश प्रजापति कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। ऐ चाँद ज़रा मुस्का देना पुस्तक के रचयिता जय प्रकाश प्रजापति कानपुर से उपस्थित रहे। संचालन आनंद अमित ने किया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हिंदी श्री साहित्यिक पटल पर किया गया।पुस्तक के बारे में अध्यक्षता कर रहे भोलानाथ कुशवाहा ने कहा कि डॉ जय प्रकाश प्रजापति ने पुस्तक में त्रासदीपूर्ण जीवन को उठाया है जो आज के साहित्य का मूल है।
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आज का साहित्य पूरी तरह नकारात्मकता में से सकारात्मक खोज का है। मुख्य अतिथि अमरेंद्र पोतस्यायन ने कहा कि ऐ चाँद ज़रा मुस्का देना के लेखन का मूल उद्देश्य आपसी सद्भाव और प्रेम की स्थापना है।कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रिया श्रीवास्तव की सरस्वती वंदना से हुआ। तत्पश्चात पुस्तक विमोचन मुख्य अतिथि डॉ अमरेंद्र पोतस्यायन व अतिथियों के कर कमलों से हुआ। उसके बाद चले ऑनलाइन काव्यपाठ में भोलानाथ कुशवाहा ने सुनाया- देखो! छंदों की साँकल खोल दी है मैनें, अब मेरी यात्रा है अनंत आकाश, आओ उड़ो मेरा साथ। डॉ अमरेंद्र पोतस्यायन ने पढ़ा- नफरतों के दौर में तुम प्रेम के दो बोल बोलो। मत किसी का दिल दुखाओ मत किसी पर व्यंग्य बोलो।प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम ने सुनाया-हो कभी गम तो ज़ुबाँ पर तेरा ही नाम आये। दोस्त होता है वही जो वक्त पर काम आए।वेद प्रकाश प्रजापति ने सुनाया- नए साल में नई तरंग नया उत्साह भर आएगा। मँहगाई घट जाएगी भ्रष्टाचार मिट जाएगा। कवि जय प्रकाश प्रजापति ने अपनी विमोचित पुस्तक से सुनाया- ऐ चाँद ज़रा मुस्का देना तुम मेरा भी दिल महका देना। अंत में हिंदी श्री पब्लिकेशन की प्रोपराइटर सावित्री कुमारी ने सभी का आभार व्यक्त किया।