गीतांजलि श्री | अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार | टॉम्ब ऑफ़ सैंड | हिंदी श्री | booker award

गीतांजलि श्री

गीतांजलि श्री के Tomb of Sand हिंदी उपन्यास ने पहला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता चर्चित लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ ने हिंदी उपन्यास के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। यह उपन्यास मूल रूप से ‘रेत समाधि’ के रूप में प्रकाशित हुआ था।

दिल्ली की लेखिका गीतांजलि श्री और अमेरिकी अनुवादक डेजी रॉकवेल ने गुरुवार को अपने उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। मूल रूप से हिंदी में लिखा गया, ‘रेत का मकबरा’ प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली किसी भी भारतीय भाषा की पहली पुस्तक है। डॉ गीतांजलि श्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुआ है। गीतांजलि श्री के पिता जी मूल रूप से ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश के निवासी थे और जिलाधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। गीतांजलि श्री के पिता जी भी एक अच्छे लेखक थे और उन्होंने भी कई पुस्तकें लिखी थीं। साहित्यकारों व गायकों के लिए एक उचित मंच। इस चैनल पर काव्यपाठ, पुस्तक समीक्षा, ऑनलाइन कवि सम्मेलन आदि प्रसारित किए जाते हैं।

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