मेघा रे तुम इतना बरसे | नवगीत | आनंद अमित
आनंद अमित –निकल न पायाहलधर घर से।मेघा रे तुमइतना बरसे। डूब चुकी हैंफसलें सारी ।पानी से हैभरी उसारी ।झरना बहताहै छप्पर से ।मेघा रे तुमइतना बरसे । बाल-ग्वाल हैंकितने आकुल ।टूट चुका हैलकड़ी का पुल ।सागर बहतादिखे नहर से ।मेघा रे तुमइतना बरसे । तोड़ बन्ध कोसुरसरि का जल।ग्राम – वक्ष परबहता कल-कल।त्राहिमाम हैतेरे डर […]