हिन्दी श्री

नन्हें सिंह ठाकुर का मेरा बचपन मेरा गाँव (संस्मरण संग्रह) प्रकाशित हुआ

मेरा बचपन मेरा गाँव

मेरा बचपन मेरा गाँव पुस्तक के बारे में इसके लेखक श्री नन्हें सिंह ठाकुर की अपनी बात- इस कृति में बीस संस्मरण निबंधों के माध्यम से मैंने अपने बचपन और गांव की स्मृतियों को अपनी संवेदना के साथ उकेरने का प्रयास किया है,एक पाठक के रूप में इन स्मृति निबंधों को पढ़कर यदि आप भी […]

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श्रीमती मंजुला श्रीवास्तवा कृत “मंजुल कहानियाँ” का हुआ विमोचन

मंजुल कहानियाँ

यह कहानी संग्रह हिंदी श्री पब्लिकेशन से हुआ है प्रकाशितश्रीमती मंजुला श्रीवास्तवा को हिंदी श्री द्वारा “महादेवी वर्मा साहित्य सम्मान” से किया गया सम्मानितरविवार दिनाँक 28/5/23 को पथगामिनी साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था के तत्वाधान में श्रीमती मंजुला श्रीवास्तवा के कहानी संग्रह ‘मंजुल कहानियों’ का विमोचन  डिवाइन सैनिक स्कूल वाराणसी के सभागार में प्रख्यात गजलकार डॉ

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साधना शाही जी की रचनाएँ | हिन्दी श्री

शब्द की महिमा भाव की अभिव्यक्ति है शब्द,मानो इसको जैसे अब्द।इनसे जुड़कर वाक्य है बनता।मन के भाव जो व्यक्त है करता।आगे बढ़ा तो बन गया लेख,बड़ी- बड़ी घटना का किया उल्लेख।घटना जुड़- जुड़ बन गई पुस्तक,किस्सा-कहानी साथ में मुक्तक।दोहा, सोरठा, रोला इनसे,ग्रंथ ,उपनिषद भी हैं जिनसे।किंतु यदि ना हों विषयोचित,लेख परत बन होते उपेक्षित।उचित जगह

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युवा रचनाकारों के काव्यपाठ पर खूब बजी तालियां | विभिन्न क्षेत्रों से दर्जनों युवा रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर लोगों को किया अभिभूत

वाराणसी

वाराणसी।  काशी साहित्य समाज, राज बनारसी ऑफिसियल सोशल मीडिया चैनल, कविता वाला और एल एस सी वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में संजय शिक्षा निकेतन, कबीरनगर, दुर्गाकुंड, वाराणसी में रविवार को देर शाम तक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आये युवा रचनाकारों ने काव्यपाठ करके अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम

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डॉ हरेराम सिंह को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने किया सम्मानित

डॉ हरेराम सिंह

डॉ.हरेराम सिंह को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन-पटना ने हिन्दी भाषा एवं साहित्य की उन्नति में मूल्यवान सेवाओं के लिए , सम्मेलन के 42 वें महाधिवेशन में ” कविवर पोद्दार रामावतार ‘अरुण’ सम्मान से विभूषित किया । यह सम्मान अध्यक्ष बिहार विधान सभा श्री अवध बिहारी चौधरी के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया। इस मौके

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पुस्तक समीक्षक अतुल्य खरे | ग़ज़ल संग्रह – मरूँगा नहीं | हिंदी श्री पब्लिकेशन

पुस्तक समीक्षक : अतुल्य खरेसमीक्षित पुस्तक : ग़ज़ल संग्रह – मरूँगा नहींगज़लकार : राम राज राजस्थानीप्रकाशक : हिंदी श्री पब्लिकेशन युवा गज़लकार राम राजस्थानी ने, इस ग़ज़ल संग्रह में अपनी 98 गजलों को प्रस्तुत किया है . कह सकते हैं की ये उनके दिल की आवाज़ है हर शेर को उन्होंने भरपूर जिया है क्यूंकि

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‘ग़ज़लों के मीनार के ग्यारह बाशिन्दे’ -ग़ज़ल एकादश. संपादक : डी एम मिश्र

ग़ज़ल एकादश

लेखक –  प्रोफेसर डॉ0 राधेश्याम सिंह दोहा बोला ग़ज़ल से, आ जा मेरी जान,तू आई है अरब से, मैं हूँ हिन्दुस्तान।। (कविता रहस्य- कृष्ण कल्पित)  यह सही है कि ईरान के परिवेश में पली बढ़ी  ग़ज़ल की यह विधा जब उत्तर के सूफियों और दक्षिण के वली दकनी के अपने पड़ावों पर ठहरती हुई, हिन्दी

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डॉ.हरेराम सिंह की तीन पुस्तकों का हुआ विमोचन

डॉ.हरेराम सिंह

डॉ हरे राम की पुस्तकें-1. ओबीसी साहित्य की आलोचना पद्धति2. लोकतंत्र में हाशिये के लोग3. जामुन का पेड़ अनजबित सिंह कॉलेज- बिक्रमगंज के हिन्दी विभाग में यहाँ के पूर्व छात्र व हिन्दी के चर्चित कवि व आलोचक डॉ.हरेराम सिंह की ‘हिन्दी श्री-संत रविदास नगर, उत्तर प्रदेश से प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन हिन्दी विभाग में

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आशा दिनकर कृत ग़ज़ल संग्रह “ख़्वाबों की ख़्वाहिश” का विमोचन | हिन्दी श्री

आशा दिनकर

आशा दिनकर एक बड़ी रचनाकार के साथ-साथ बड़ी दिल वाली भी हैं- डॉ दीपिका सुतोदिया सखी आशा दिनकर के ग़ज़लों में जीवन की वास्तविकता और सच्चाई बार-बार उभरती है जो यथार्थपरक है- डॉ बैजनाथ शर्मा मिन्टूग़ज़ल संग्रह “ख़्वाबों की ख्वाहिश” में जीवन के विविध रंग समाहित हैं- डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तवआशा दिनकर की शायरी में प्रेम-मुहब्बत

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Dr Hareram Singh

dr hareram singh

डॉ हरेराम सिंह – एक परिचय डॉ हरेराम सिंह जी Dr Hareram Singhओ बी सी साहित्य लेखन तथा आलोचना के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध व चर्चित लेखक व कवि हैं। प्रस्तुत है इनका संक्षिप्त परिचय- ‘गोदान’ और ‘छह बीघा ज़मीन’ का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर शोध कार्य। डॉ. हरेराम सिंह Dr Hareram Singh ख्यातिप्राप्त कवि

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