अधिदर्शक

अधिदर्शक के काव्य संग्रह ‘दोस्त! आनंद भवन रोता है’ का हुआ विमोचन

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हिंदी श्री पब्लिकेशन से प्रकाशित हुई अधिदर्शक जी की पुस्तक “दोस्त आनंद भवन रोता है” सामाजिक परिवर्तन में साहित्यकारों का महत्वपूर्ण योगदान- शरद मेहरोत्राअधिदर्शक जी का लेखन उनके संघर्षों का गवाह- भोलानाथ कुशवाहाअधिदर्शक जी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है- गणेश गंभीर     मीरजापुर।शहीद उद्यान नारघाट में साहित्य चेतना समाज के तत्वावधान में […]

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अधिदर्शक जी द्वारा रचित पुस्तक ‘आपके हाथ में गुलाब आए’ | हिंदी श्री पब्लिकेशन

आपके हाथ में गुलाब आए

अधिदर्शक का ये दीवान पिछली सदी के आखिरी दो दशकों में तेजी से बदल हिन्दुस्तान की सांस्कृतिक राजनैतिक- सामाजिक छटपटाहट को बड़ी शाइस्तगी से बयान करता है। उनकी ग़जलों में हकीकत ज्यादा है और फ़साना कम है। ये गज़लें जैसे टैगोर के ‘भयमुक्त ‘चित्र’ का वितान रचती हैं। इन गज़लों में जो कशिश है वो

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