आदमी जिंदा रहे

Aadami Jinda Rahe | Daulatram Prajapati | आदमी जिंदा रहे – दौलतराम प्रजापति | समीक्षा आनंद अमित

aadami jinda rahe

एक जिंदा आदमी की आवाज़…. Aadami Jinda Rahe आदमी जिंदा रहे: दौलत राम प्रजापति Aadami Jinda Rahe : ग़ज़ल उतनी सीधी नहीं होती जितनी हम समझते हैं। ग़ज़ल के शे’र पढ़कर हर पाठक अपने-अपने व्यवहार और विचार के अनुरूप उसका अलग-अलग अर्थ निकालता है। लेकिन शायर क्या कहना चाह रहा है, यह पाठक की पकड़ […]

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आदमी जिंदा रहे – दौलतराम प्रजापति | समीक्षा वेद प्रकाश वेद

आदमी जिंदा रहे

“आदमी जिंदा रहे” में जितनी भी ग़ज़लें हैं सभी आप सबके सामने एक प्रतिबिंब उपस्थित करेंगी– वेद प्रकाश ‘वेद’ “आदमी जिंदा रहे”- दौलतराम प्रजापति सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से आदरणीय- ‘दौलतराम प्रजापति जी’ की रचनाएं- नवगीत, गीत, ग़ज़लें आदि पढ़ने को अक्सर मिल ही जातीं और जब रचनाओं को पढ़ने लगता तो

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