जीना इसी का नाम है

कवि अनिल अंकित की 2 पुस्तकें, जीना इसी का नाम है और मैं कविता बोल रही हूँ का हुआ विमोचन

अनिल अंकित की पुस्तक

कवि अनिल ‘अंकित’ के दो कविता-संग्रहों(‘जीना इसी का नाम है’ व ‘मैं कविता बोल रही हूॅं’) का विमोचन जिला पंचायत सभागार, गाजीपुर में संपन्न हुआ। ‘साहित्य चेतना समाज’ एवं ‘हिन्दीश्री’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘चेतना-प्रवाह’ कार्यक्रम के अन्तर्गत कवि अनिल ‘अंकित’ के दो कविता-संग्रहों(‘जीना इसी का नाम है’ व ‘मैं कविता बोल रही हूॅं’) का […]

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जीना इसी का नाम है | पुस्तक | अनिल कुमार राय | हिंदी श्री पब्लिकेशन

जीना इसी का नाम है

जीना इसी का नाम है पुस्तक यहाँ से खरीदें Click Here लेखक की बात- मैं मेहनतकश हूँ, मेहनत से गहरा नाता है,हारी बाजी को जीतना बखूबी हमें आता है। इस कविता संग्रह की प्रस्तावना लिखते हुए मुझे याद आ रहा है कि पहली बार मुझे कविता को नजदीक से देखने-सुनने का मौका अपने मामा जी

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