डी एम मिश्र

बैंक आफ बड़ौदा में मनाया गया विश्व हिंदी दिवस

बैंक आफ बड़ौदा

बैंक आफ बड़ौदा में मनाया गया विश्व हिंदी दिवस हिंदी को विश्व पटल पर लाने की ज़रूरत – क्षेत्रीय प्रबंधक सिविल लाइन सुलतानपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय कार्यालय में आज विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया गया।इस अवसर पर जनपद के प्रख्यात कवि व ग़ज़लकार डाॅ डी एम मिश्र मुख्य अतिथि के रूप […]

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ग़ज़ल संचयन  डी एम मिश्र: संपादक डॉ जीवन सिंह एवंसमकाल की आवाज़ का सम्पन्न हुआ विमोचन

ग़ज़ल संचयन

 डी एम मिश्र के गजल संग्रह का विमोचन एवं परिसंवाद सम्पन्न ‘अब ये ग़ज़लें मिज़ाज़ बदलेंगी’गज़लें लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्ष में खड़ी हैं – डॉ जीवन सिंहडी एम मिश्र की ग़ज़लों में प्रतिरोधी चेतना – वाचस्पतिगज़लें हुकूमत के खिलाफ बोलती हैं – स्वप्निल श्रीवास्तव राजनीतिक विद्रूपता को उभारने के साथ विकल्प की भी बात – चन्द्रेश्वरडी एम

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डी एम मिश्र के गजल संग्रह का विमोचन एवं परिसंवाद सम्पन्न 

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डी एम मिश्र के गजल संग्रह का विमोचन एवं परिसंवाद सम्पन्न ‘अब ये ग़ज़लें मिज़ाज़ बदलेंगी’गज़लें लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्ष में खड़ी हैं – डॉ जीवन सिंहडी एम मिश्र की ग़ज़लों में प्रतिरोधी चेतना – वाचस्पतिगज़लें हुकूमत के खिलाफ बोलती हैं – स्वप्निल श्रीवास्तव राजनीतिक विद्रूपता को उभारने के साथ विकल्प की भी बात – चन्द्रेश्वरडी एम

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‘ग़ज़लों के मीनार के ग्यारह बाशिन्दे’ -ग़ज़ल एकादश. संपादक : डी एम मिश्र

ग़ज़ल एकादश

लेखक –  प्रोफेसर डॉ0 राधेश्याम सिंह दोहा बोला ग़ज़ल से, आ जा मेरी जान,तू आई है अरब से, मैं हूँ हिन्दुस्तान।। (कविता रहस्य- कृष्ण कल्पित)  यह सही है कि ईरान के परिवेश में पली बढ़ी  ग़ज़ल की यह विधा जब उत्तर के सूफियों और दक्षिण के वली दकनी के अपने पड़ावों पर ठहरती हुई, हिन्दी

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ग़ज़ल एकादश पर डी एम मिश्र की संपादकीय | ग़ज़ल एकादश प्रकाशित | हिंदी श्री पब्लिकेशन

ग़ज़ल एकादश

मैंने जो महसूस किया मौजूदा दौर में कविता के विभिन्न रूपों में गजल सर्वाधिक लिखी, पढ़ी, सुनी और पसंद की जाने वाली विधा बन चुकी है।  दुष्यंत कुमार और उनके बाद अदम गोंडवी ने हिंदी कविता को गजल के रूप में वह सौगात सौंप  दी है जो युगों-युगों तक याद की जायेगी । यद्यपि हिंदी

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डी एम मिश्र ने संजीव अमृत महोत्सव का किया भव्य आयोजन | हिंदी श्री पब्लिकेशन

डीएम मिश्र

संजीव अमृत महोत्सव समिति एवं सृजन पीठ साहित्यिक संस्था सुल्तानपुर की ओर से संजीव नागरिक अभिनंदन का कार्यक्रम सुल्तानपुर स्थित जिला परिषद सभागार में सम्पन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता रांची से पधारे प्रख्यात आलोचक रविभूषण ने की। बस्ती से पधारे सुप्रसिद्ध कवि अष्टभुजा शुक्ल मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। पहले सत्र में 

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