हिन्दी श्री

डॉ हरेराम सिंह को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने किया सम्मानित

डॉ हरेराम सिंह

डॉ.हरेराम सिंह को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन-पटना ने हिन्दी भाषा एवं साहित्य की उन्नति में मूल्यवान सेवाओं के लिए , सम्मेलन के 42 वें महाधिवेशन में ” कविवर पोद्दार रामावतार ‘अरुण’ सम्मान से विभूषित किया । यह सम्मान अध्यक्ष बिहार विधान सभा श्री अवध बिहारी चौधरी के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया। इस मौके […]

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पुस्तक समीक्षक अतुल्य खरे | ग़ज़ल संग्रह – मरूँगा नहीं | हिंदी श्री पब्लिकेशन

पुस्तक समीक्षक : अतुल्य खरेसमीक्षित पुस्तक : ग़ज़ल संग्रह – मरूँगा नहींगज़लकार : राम राज राजस्थानीप्रकाशक : हिंदी श्री पब्लिकेशन युवा गज़लकार राम राजस्थानी ने, इस ग़ज़ल संग्रह में अपनी 98 गजलों को प्रस्तुत किया है . कह सकते हैं की ये उनके दिल की आवाज़ है हर शेर को उन्होंने भरपूर जिया है क्यूंकि

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‘ग़ज़लों के मीनार के ग्यारह बाशिन्दे’ -ग़ज़ल एकादश. संपादक : डी एम मिश्र

ग़ज़ल एकादश

लेखक –  प्रोफेसर डॉ0 राधेश्याम सिंह दोहा बोला ग़ज़ल से, आ जा मेरी जान,तू आई है अरब से, मैं हूँ हिन्दुस्तान।। (कविता रहस्य- कृष्ण कल्पित)  यह सही है कि ईरान के परिवेश में पली बढ़ी  ग़ज़ल की यह विधा जब उत्तर के सूफियों और दक्षिण के वली दकनी के अपने पड़ावों पर ठहरती हुई, हिन्दी

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डॉ.हरेराम सिंह की तीन पुस्तकों का हुआ विमोचन

डॉ.हरेराम सिंह

डॉ हरे राम की पुस्तकें-1. ओबीसी साहित्य की आलोचना पद्धति2. लोकतंत्र में हाशिये के लोग3. जामुन का पेड़ अनजबित सिंह कॉलेज- बिक्रमगंज के हिन्दी विभाग में यहाँ के पूर्व छात्र व हिन्दी के चर्चित कवि व आलोचक डॉ.हरेराम सिंह की ‘हिन्दी श्री-संत रविदास नगर, उत्तर प्रदेश से प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन हिन्दी विभाग में

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आशा दिनकर कृत ग़ज़ल संग्रह “ख़्वाबों की ख़्वाहिश” का विमोचन | हिन्दी श्री

आशा दिनकर

आशा दिनकर एक बड़ी रचनाकार के साथ-साथ बड़ी दिल वाली भी हैं- डॉ दीपिका सुतोदिया सखी आशा दिनकर के ग़ज़लों में जीवन की वास्तविकता और सच्चाई बार-बार उभरती है जो यथार्थपरक है- डॉ बैजनाथ शर्मा मिन्टूग़ज़ल संग्रह “ख़्वाबों की ख्वाहिश” में जीवन के विविध रंग समाहित हैं- डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तवआशा दिनकर की शायरी में प्रेम-मुहब्बत

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Dr Hareram Singh

dr hareram singh

डॉ हरेराम सिंह – एक परिचय डॉ हरेराम सिंह जी Dr Hareram Singhओ बी सी साहित्य लेखन तथा आलोचना के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध व चर्चित लेखक व कवि हैं। प्रस्तुत है इनका संक्षिप्त परिचय- ‘गोदान’ और ‘छह बीघा ज़मीन’ का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर शोध कार्य। डॉ. हरेराम सिंह Dr Hareram Singh ख्यातिप्राप्त कवि

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साहित्यकार मिथिलेश श्रीवास्तव का किया गया सम्मान | मिर्ज़ापुर | हिन्दी श्री पब्लिकेशन

मिथिलेश श्रीवास्तव

साहित्यकार मिथिलेश श्रीवास्तव का किया गया सम्मानडॉ मिथिलेश की रचनाएं यथार्थपरक- भोलानाथ कुशवाहा मिर्ज़ापुर| ग़ाज़ियाबाद से पधारे चर्चित कवि व लेखक डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव शिखर को अष्टभुजा स्थित माँ कामेश्वरी आश्रम परिसर में हिंदी श्री संस्था की ओर से रविवार को  सम्मानित किया गया। इसमें उनके साहित्य लेखन पर विशेष रूप से चर्चा की

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“मैं गीता हूँ” उपन्यास का हुआ विमोचन | विराट कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन | वाराणसी | हिन्दी श्री पब्लिकेशन

मैं गीता हूँ

“मैं गीता हूँ” उपन्यास का हुआ विमोचनविराट कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन वाराणसी। एल एस सी के अंतर्गत काव्यकलश के सौजन्य से भव्य साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विराट कवि सम्मेलन और सर्वेश पाण्डेय मिर्जापुरी द्वारा लिखित “मैं गीता हूँ” उपन्यास का विमोचन, इस उपन्यास की मुख्य पात्र और कार्यक्रम की मुख्य अतिथि

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शिव प्रकाश ‘साहित्य’ | बागेश्वर जी पर रचित रचना | हिन्दी श्री

शिव प्रकाश 'साहित्य'

जय-जय बागेश्वर जी,जय-जय बागेश्वर जी।सबके विपत्ति हरो हैं ,जय बागेश्वर जीजय-जय बागेश्वर जी,जय-जय बागेश्वर जी। पान, फूल अरु मोदक भाते अरु मेवा।सब सन्तन मिल करते,बाला की सेवा।।जय-जय बागेश्वर जी,जय-जय बागेश्वर जी। सब भक्तन पे तुम्हरो दृष्टि गड़ी रहती।रात्रि-दिवस कोई हो कोइ घड़ी रहती।।जय-जय बागेश्वर जी,जय-जय बागेश्वर जी। अनुकम्पित,अनुरागी जो इहवाँ आया।खाली हाथ न लौटा झोली

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करवा चौथ पर डॉ बीना सिंह “रागी ” की रचना | हिन्दी श्री

बीना सिंह "रागी

करवा चौथ मेरे सर की कसम मैं मिलूंगी सनमआप मिलने का हमसे सौगंध खाईए बाती की भांति मै जलूंगी सनमहर जन्म में दीपक बन आ जाइएकपोल है लाल सुर्ख लाल रुखसार हैहैं अद्भुत ये छवि दर्पण शर्मसार हैकेश काले कटी पर बलखाते हुएबातें करती हूं खुद से सकुचाते हुएधड़कन और सांसों में समा जाइएव्याकुल है मनवा

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