हिन्दी श्री

राधा गोयल कृत अंतर्नाद का हुआ विमोचन | हिन्दी श्री पब्लिकशन

राधा गोयल

कविता आदमी को नई दिशा देने का कार्य करती है- डॉ नीरज त्रिपाठी।राधा गोयल गहरी संवेदना की रचनाकार- भोलानाथ कुशवाहा।राधा गोयल की रचनाओं में आज का समय बोलता है- अनिल अंकितराधा गोयल के सोचने का दायरा बहुत बड़ा है- आशा दिनकरराधा गोयल कृत अंतर्नाद का हुआ विमोचन।     मिर्ज़ापुर। राधा गोयल कृत अंतर्नाद (कविता […]

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शिखर बाल कथाएं का हुआ विमोचन | हिन्दी श्री पब्लिकेशन

शिखर बाल कथाएं

हिंदी श्री पब्लिकेशन से प्रकाशित डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ‘शिखर’ द्वारा रचित ‘शिखर बाल कथाएं’ का हुआ विमोचनशिखर बाल कथाएं की कहानियां बच्चों के नैतिक विकास के लिए जरुरी -मुख्य महाप्रबंधक, एन टी पी सी रिहन्द बीजपुर, 27 सितंबर,  रिहंद सुपर थर्मल पावर स्टेशन के मंथन सम्मेलन कक्ष में  एनटीपीसी के पूर्व उप प्रबंधक (मानव

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 हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु सरकारी एवं गैरसरकारी संस्थाओं की भूमिका |राष्ट्रीय संगोष्ठी | हिन्दी श्री | हिंदी बने राष्ट्रभाषा मंच

हिंदी बने राष्ट्रभाषा मंच,

भाव एवं भावना के साथ हम हिंदी से जुड़ें- डॉ राम मोहन पाठक, पूर्व कुलपति (हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु सरकारी एवं गैरसरकारी संस्थाओं की भूमिका विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न*)*हिंदी को राष्ट्रभाषा बना दिया जाए और अंग्रेजी को संपर्क भाषा के रूप में चलने दिया जाए-राष्ट्रीय संयोजक* वाराणसी, 24 सितंबर, 2022, हिंदी बने राष्ट्रभाषा मंच द्वारा शुक्रवार

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 रजत जयंती समारोह | कविलोक | कवि सम्मेलन | हिन्दी श्री

कवि सम्मेलन

गोरखपुर में वर्ष 1997 में स्थापित साहित्यिक संस्था “कविलोक” सार्थक सृजन मंच  के 25 वर्ष पूरे होने पर इसका रजत जयंती समारोह स्थानीय होटल के सभागार में आयोजित किया गया.    समारोह की अध्यक्षता  वरिष्ठ साहित्यकार एवं आलोचक प्रो. रामदेव शुक्ल ने की तथा मुख्य समागत  गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कृष्ण चंद्र

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तन्हाइयों की महफ़िल | विमोचन | आशा दिनकर | हिंदी श्री | hindi shree

आशा दिनकर

आशा दिनकर ने अपने लेखन से समृद्ध किया है साहित्य को – मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ग़ज़ल संग्रह ‘तन्हाइयों की महफ़िल’ का हुआ विमोचन।    सभी रचनाकार लोक से जुड़े रहते हैं और लोक की ही बात रचनाओं में आती है- भोलानाथ कुशवाहा      मिर्ज़ापुर। आशा दिनकर द्वारा रचित ग़ज़ल संग्रह तन्हाइयों की महफ़िल का

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गीतांजलि श्री से एक मुलाकात | उषा राय | हिन्दी श्री | hindi shree

गीतांजलि श्री_उषा राय

मेरी हिन्दी मेरा धन है- गीतांजलि श्री अपने नए उपन्यास ‘रेत समाधि’की चर्चा के लिए लखनऊ आईं गीतांजलि श्री से मेरी मुलाकात हुई। निःसंन्देह गीतांजलि जी एक असाधारण लेखिका हैं जिसे जीवन के खाँचे और सरलीकरण परेशान करते हैं। वे मानती हैं कि जिन्दगी में कुछ भी निर्धारित नहीं है ,वह इधर से उधर होता

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बौद्धिवृक्ष के नीचे | अजित कुमार राय | हिन्दी श्री hindi shree

अजित कुमार राय

कविता- बौद्धिवृक्ष के नीचे बौद्धिवृक्ष के नीचे —-मैं तथागत हूँ —-तथा आगत , तथा गत ।बोधिसत्व से बुद्ध बनने की अंतर्यात्रातय होती है असंख्य जन्मों में ।ऊर्ध्वग ज्योति – शिखाएक दिन निर्वाण प्राप्त कर लेती है औरभोर का तारा डूबने के साथ हीकुछ डूब जाता है अपने भीतर ।अपने भीतर देखना ही तो विपश्यना है

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