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गीतांजलि श्री से एक मुलाकात | उषा राय | हिन्दी श्री | hindi shree

गीतांजलि श्री_उषा राय

मेरी हिन्दी मेरा धन है- गीतांजलि श्री अपने नए उपन्यास ‘रेत समाधि’की चर्चा के लिए लखनऊ आईं गीतांजलि श्री से मेरी मुलाकात हुई। निःसंन्देह गीतांजलि जी एक असाधारण लेखिका हैं जिसे जीवन के खाँचे और सरलीकरण परेशान करते हैं। वे मानती हैं कि जिन्दगी में कुछ भी निर्धारित नहीं है ,वह इधर से उधर होता […]

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बौद्धिवृक्ष के नीचे | अजित कुमार राय | हिन्दी श्री hindi shree

अजित कुमार राय

कविता- बौद्धिवृक्ष के नीचे बौद्धिवृक्ष के नीचे —-मैं तथागत हूँ —-तथा आगत , तथा गत ।बोधिसत्व से बुद्ध बनने की अंतर्यात्रातय होती है असंख्य जन्मों में ।ऊर्ध्वग ज्योति – शिखाएक दिन निर्वाण प्राप्त कर लेती है औरभोर का तारा डूबने के साथ हीकुछ डूब जाता है अपने भीतर ।अपने भीतर देखना ही तो विपश्यना है

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