डी एम मिश्र की ग़ज़लें हमारे होने का एहसास कराती हैं- श्रीधर मिश्र , गोरखपुर
पुस्तक समीक्षा साहित्यिक गतिविधियों की बात करें तो यह सक्रिय व सचेत साहित्यिक कर्म का प्राथमिक व सबसे जरूरी दायित्व होता है कि वह अपने समय को रचे भी व उसकी समीक्षा भी करे, इस उपक्रम में वह समय व सत्ता के समक्ष सवाल खड़ा करे, हम समय के उस काल खंड के साक्षी बनने […]
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