प्रतिमा शर्मा व अलंकृता राय की पुस्तकों का प्रयागराज में हुआ लोकार्पण

प्रतिमा

  प्रयागराज।हिंदुस्तानी एकेडमी प्रयागराज के सभागार में शनिवार,7 अक्टूबर को भदोही की कवयित्री प्रतिमा शर्मा ‘पुष्प’ की चार पुस्तकों एवं अलंकृता राय की एक पुस्तक का लोकार्पण हुआ।लोकार्पित पुस्तकों में प्रतिमा ‘पुष्प’ के तीन कहानी संग्रह-नीलांजला,दूसरी लौंग,गुलाबी आँखों का दर्द व एक काव्य संग्रह- रात खिड़कियों से तथा अलंकृता राय का कविता संग्रह- आधी कप चाय आधी तेरी याद  हैं।

   इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार रविनंदन सिंह जी ने कहा कि साहित्य लेखन रचनाकार की निजी अनुभूति होती है।वह किसी के खुश होने या नाराज होने की परवाह को छोड़कर लोकहित के लिए सच्चाई का बयान करता है और ऐसा ही साहित्य लोकप्रिय होता है

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   कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने कहा कि साहित्य लेखन आसान नहीं है।सामाजिक जीवन के कटु यथार्थ को कलमबद्ध करने के लिए उसकी कठिनाइयों के रास्ते चलना पड़ता है।अमूमन कह दिया जाता है कि साहित्य मात्र कल्पना की चीज है,जो की सही नहीं है।उन्होंने कहा कि प्रतिमा शर्मा व अलंकृता राय ने व्यक्ति और समाज के जीवन पर बड़ी संजीदगी के साथ दृष्टिपात किया है जो की प्रशंसनीय है। चर्चा में भाग लेते हुए सुधेंदु ओझा ने रचनाकारों के लेखकीय व्यक्तित्व की विस्तार से चर्चा की और कहा कि प्रतिमा जी की लेखन क्षमता अद्भुत है।उनके यहाँ मात्र महिला विमर्श नहीं है वह मानव जीवन से जुड़े विविध विषयों को उठाकर सामयिक हो जाती हैं।चर्चित कवयित्री डॉ अनुराधा ओस ने कविताओं व कहानियों के उद्धरण देकर यह बताया कि दोनों रचनाकार समय के साथ चलते हुए आज के यथार्थ को सामने लाते हैं।जाने-माने गीतकार मधुकर मिश्र ने लोकार्पित कहानियों एवं कविताओं के लिए माँ प्रतिमा शर्मा व पुत्री अलंकृता रा़य की तारीफ करते हुए कहा कि यह सुखद संयोग है।आनंद ध्रुव,नरेंद्र बहादुर सिंह पंकज,दिनेश कुशवाहा,उमेश श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन आनंद अमित ने किया।

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विमोचन कार्यक्रम का प्रारम्भ मुख्य अतिथि और मंचासीन अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके किया। अतिथियों को प्रतिमा पुष्प और अलंकृता राय ने अंगवस्त्र व स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर हिंदी श्री पब्लिकेशन की ओर से कवि वेद प्रकाश और मंचासीन अतिथियों ने प्रतिमा पुष्प को हिंदी श्री सम्मान और अलंकृता राय को साहित्य सृजन सम्मान से सम्मानित किया। 

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी आयोजित हुई जिसमें भोलानाथ कुशवाहा, कर्मराज किसलय, प्रतिमा पुष्प, अलंकृता राय, आनंद अमित, नरेंद्र बहादुर पंकज, डॉ. अनुराधा ओस, संदीप बालाजी, वेद प्रकाश वेद, नजर इलाहाबादी, शिव प्रकाश साहित्य, उर्वशी उपाध्याय, राम सागर सरस, रीना श्रीवास्तव, इंद्रजीत सिंह वियोगी, चंद्रकांत भ्रमर, आकाश श्रीवास्तव और राकेश यादव ने अपनी रचनाएँ सुनायीं। 

इस अवसर पर उमेश श्रीवास्तव, विनय कुमार दुबे, अजय सिंह, अशोक गुप्ता, शैलेन्द्र, अनिल अरोड़ा आदि नगर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में इंक पब्लिकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश कुशवाहा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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