आख़िरी मंज़िल का  हुआ विमोचन |डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव | हिंदी श्री पब्लिकेशन

आख़िरी मंज़िल

शहीद उद्यान में शिखर की काव्य संग्रह “आख़िरी मंज़िल” का विमोचन संपन्न
वाराणसी, 30 जनवरी,    सिगरा स्थित शहीद उद्यान में एनटीपीसी के सहायक प्रबंधक (मानव संसाधन) डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ‘शिखर’ के काव्य संग्रह “आख़िरी मंज़िल” उर्फ “शिखर काव्य मंजूषा” का विमोचन दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नई के पूर्व कुलपति प्रो. राम मोहन पाठक के करकमलों द्वारा रविवार को आयोजित एक समारोह में संपन्न हुआ।इसके पूर्व सभी प्रबुद्ध अतिथियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। कवि, लेखक एवं साहित्यकार के रूप में ख्यातिलब्ध रचनाकार ने अपनी पुस्तक “आख़िरी मंज़िल” में जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित काव्य को संजोया है।  शिखर की कई काव्य और कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुकी हैं।उक्त कार्यक्रम में विमोचन के उपरांत मुख्य अतिथि प्रो. पाठक ने इस पुस्तक को आज के दौर के  लिए उपयोगी बताया तथा कहा कि शिखर की रचनाएं घर, समाज एवं मानवता को दृष्टिगत लिखी गई हैं। उन्होंने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि काशी साहित्य अनुरागियों की स्थली है, यहां से आपको हमेशा ऊर्जा मिलती रहे। उन्होंने कहा कि आख़िरी मंज़िल से नई ऊंचाइयों को छूने की शुरुआत है। इस कड़ी में आज एक नाम और जुड़ गया है।अध्यक्षता कर रहे सोच-विचार पत्रिका के संपादक डॉ जितेन्द्र नाथ मिश्र ने कहा कि शिखर जी ने इस पुस्तक में जीवन जीने की कला कविताओं के माध्यम से समझाई है, डॉ शिखर साहित्यिक सर्जक के रुप में नई ऊंचाइयों को छूएंगे। विशिष्ट अतिथि डॉ श्रद्धानंद ने कहा कि आख़िरी मंज़िल में रचनाकार ने मानवता एवं परिवार तथा समाज की विसंगतियों को प्रेममय करने का सफलतम प्रयास किया है। इस पुस्तक में जीवन के सभी पहलुओं को देखा जा सकता है।


वहीं विमोचन के पूर्व पुस्तक के रचनाकार  ‘शिखर’ जी ने मुख्य अतिथि प्रो. पाठक सहित सभी अतिथियों का अंगवस्त्रम् से अभिनन्दन किया। एनटीपीसी उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय में सहायक प्रबंधक (मानव संसाधन) के पद पर कार्यरत डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव ‘शिखर’ द्वारा रचित उक्त पुस्तक का प्रकाशन हिंदी श्री पब्लिकेशन, संत रविदास नगर  द्वारा किया गया है। विमोचन के इस अवसर पर हिंदी श्री पब्लिकेशन के प्रकाशक आनंद ‘अमित’ ने पुस्तक की संपूर्ण जानकारी अपने वक्तव्य में दी। कार्यक्रम में रुपेश नागवंशी समाजसेवी तथा इंडियन बैंक के प्रबंधक ऋषिकांत कन्नौजिया  का भी अंगवस्त्रम से अभिनंदन किया गया। सभी वक्ताओं ने पुस्तक की उपादेयता पर प्रकाश डाला। शायर नवल किशोर तथा कवयित्री श्रुति गुप्ता ने भी शिखर को न ई ऊंचाई तक पहुंचने की शुभकामनाएं दीं।इसके पूर्व सभी प्रबुद्ध अतिथियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि भी अर्पित की। 
कार्यक्रम का संचालन डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव ने तथा आभार ज्ञापन पीआरएसआई वाराणसी चैप्टर के महासचिव प्रदीप कुमार उपाध्याय ने की।       

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