
प्रस्तावना : विश्व में हिन्दी की रैंकिंग के संबंध में यह शोध 1981 में शुरू हुआ और 1983 में इसका पहला संस्करण जारी हुआ जो दिल्ली में आयोजित तीसरे विश्व हिन्दी सम्मेलन में वितरित किया गया । उसके उपरांत हर दो वर्ष में 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर इस शोध को अद्यतन करके प्रकाशित किया जा रहा है । वर्ष 2025 का यह शोध इसका बीसवाँ संस्करण है । पिछले 19 संस्करणों मेँ हिन्दी भाषा और अन्य भाषाओं की रैंकिंग से संबन्धित विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है । इन सभी संस्करणों का समुचित प्रमाणीकरण कराया गया । यह शोध उच्च शिक्षा विभाग , भारत सरकार के प्रतिलिप्याधिकार अधिनियम के अधीन मेरे नाम पर भारत सरकार के पंजीयक कार्यालय में पंजीकृत है ।[i] ( पंजीयन संख्या L – 26910 / 2006 । )
44 वर्ष से जारी यह शोध क्या सिद्ध करता है :
गत 44 वर्ष से जारी इस शोध में निर्विवाद रूप से यह सिद्ध हुआ कि विश्व की भाषाओं की रैंकिंग में हिन्दी पहले स्थान पर है । भाषाओं की रैंकिंग जारी करनेवाली अमेरिकी संस्था “एथ्नोलोग” द्वारा जारी प्रकाशनों में पहले मंदारिन ( चीनी भाषा ) को पहले स्थान पर दिखाया जाता था लेकिन गत 5 वर्षों से अँग्रेजी को पहले स्थान पर दिखाया जा रहा है . हिन्दी को हमेशा ही तीसरे स्थान पर दिखाया जाता रहा है , जबकि मेरे उक्त शोध से यह निर्विवाद रूप से यह सिद्ध हो गया कि न अँग्रेजी और न ही मंदारिन बल्कि हिन्दी विश्व की भाषाओं की रैंकिंग में पहले स्थान पर है ।
हिन्दी को तीसरे स्थान पर दिखाये जाने संबंधी तथ्य पर किसी का ध्यान इसलिए नहीं गया कि जन सामान्य यह समझता है कि चीन की जनसंख्या सबसे अधिक है इसलिए मंदारिन पहले स्थान पर होगी ही , लेकिन सच यह नहीं है , चीन में भी भारत की तरह कई भाषाएँ बोली जाती हैं । चीनी भाषा का मानक रूप मंदारिन है । भारत में हिन्दी का जो स्थान और स्थिति है चीन में मंदारिन का वही स्थान और स्थिति है ।
इसी प्रकार जब अँग्रेजी पहले स्थान पर दर्शाई जाने लगी तब लोगों ने सोचा कि अँग्रेजी का प्रसार सम्पूर्ण विश्व में है इसलिए अँग्रेजी पहले स्थान पर होगी । परंतु यह भी सच नहीं है कि अँग्रेजी का प्रसार अधिक है । अँग्रेजी की तुलना में हिन्दी तेजी से बढ़ रही है और उसका वैश्विक विस्तार बहुत अधिक है । इसलिए सम्पूर्ण विश्व से जब हिन्दी जानकारों के आंकड़े एकत्र किए गए तब पता लगा की हिन्दी पहले स्थान पर है । इस शोध में यही सिद्ध किया गया है । इस तथ्य की पुष्टि हिन्दी की प्रगति से संबन्धित नीचे दी गई तालिका से हो जाती है ;
हिन्दी और अँग्रेजी की प्रगति का एक दशक ( संख्या करोड़ में )
भाषा | वर्ष 2017 | वर्ष 2019 | वर्ष 2021 | वर्ष 2023 | वर्ष 2025 |
हिन्दी जानने वाले | 140 | 144 | 145 | 156 | 159 |
अँग्रेजी जननेवाले | 105 | 115 | 126 | 145 | 150 |
अंतर | 35 | 29 | 19 | 11 | 09 |
उक्त तालिका से देखा जा सकता है की हिन्दी जाननेवाले अँग्रेजी जननेवालों की तुलना में आज भी 9 करोड़ अधिक हैं । इतना अधिक अंतर होते हुए भी अँग्रेजी भाषा को पहले स्थान पर दिखाया जाना कहाँ तक उचित है ?
विश्व की भाषाओं की रैंकिंग में हिन्दी को प्रथम स्थान पर स्थापित करने के लिए उठाए गए कदम :
विश्व में भाषाओं की रैंकिंग करनेवाली संस्था एथ्नोलोग को 2005 में भाषाओं की रैंकिंग में हिन्दी को प्रथम स्थान पर दर्शाने हेतु उक्त शोध रिपोर्ट को एथनोलोग को भेजा गया था लेकिन उस समय एथ्नोलोग के 15वें संस्करण का डाटा प्रकाशन हेतु फ्रीज़ हो चुका था इसलिए एथ्नोलोग के तत्कालीन संपादक पॉल लूइस ने लिखित में आश्वासन दिया था की इस शोध के अनुसार हिन्दी को प्रथम स्थान पर दिखाने संबंधी शोध पर 16 वें संस्करण में विचार किया जाएगा । [ii] लेकिन विविध कारणों से यह संभव न हो पाया । मैं व्यक्तिगत रूप से एथ्नोलोग के संपर्क में हूँ लेकिन मेरा यह अनुभव रहा है कि जब तक भारत सरकार राजभाषा विभाग अथवा विदेश मंत्रालय या कोई सरकारी संस्थान इस मामले को एथ्नोलोग के समक्ष नहीं रखता तब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई संभव नहीं । संक्षेप में कहें तो संस्थागत प्रमाणीकरण के बाद ही एथ्नोलोग अपने रेकॉर्ड में इस शोध को दर्ज करेगा ।
संस्थागत प्रमाणीकरण के लिए की गई कार्रवाई :
संस्थागत प्रमाणीकरण के लिए यह रिपोर्ट ( शोध रिपोर्ट 2023 ) , उत्तराखंड सरकार की भाषा एवं साहित्य की शीर्ष संस्था , उत्तराखंड भाषा संस्थान को भेजी गई । उत्तराखंड भाषा संस्थान ने इस शोध की प्रामाणिकता का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया । इस समिति ने इसके समक्ष प्रस्तुत प्रमाणों / आंकड़ों तथा इस शोध से संबन्धित 3328 दस्तावेजों का अवलोकन करके प्रमाणीकरण रिपोर्ट तैयार की तथा तथा इससे संबन्धित स्पष्टीकरणों की संपरीक्षा करके इस शोध को प्रामाणिक शोध घोषित किया । [iii]
विशेषज्ञ समिति का यह भी विचार था कि उत्तराखंड भाषा संस्थान /उत्तराखंड शासन विद्वानो की अन्य समिति से उक्त शोध का परीक्षण करने के लिए स्वतंत्र है । इस सुझाव के अनुसरण में वैश्विक हिन्दी शोध संस्थान ने कर्नाटक विश्व विद्यालय धारवाड़ , कर्नाटक को इस शोध के संस्थागत प्रमाणीकरण हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन करने हेतु अनुरोध किया । कर्नाटक विश्वविद्यालय ने इस शोध के प्रमाणीकरण हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया । इस समिति ने इस शोध का गंभीर अध्ययन एवं विश्लेषण किया और दिनांक 08-11 -2024 को सम्पन्न उच्च स्तरीय सामिति की बैठक में इस शोध को प्रामाणिक शोध घोषित किया । [iv]
प्रामाणिकता हेतु विभिन्न चरणों में परीक्षण :
इस शोध की प्रामाणिकता सिद्ध करने के लिए इसका 30 चरणों में परीक्षण किया गया जिसमे इस शोध पर विश्व विद्यालयों में विद्वानों द्वारा विचार विमर्श , विशिष्ट संगोष्ठियों में परीक्षण, भाषा प्राधिकारियों द्वारा परीक्षण , भाषाविदों व हिन्दी के विद्वानों के विचार/ अभिमत आमंत्रित करके शोध की सत्यता का पता लगाया गया । इन सभी चरणों में यह शोध प्रामाणिक सिद्ध हुई है । अब तक इस शोध के प्रमाणीकरण के कुछ उदाहरण निम्नवत है :
भारत सरकार / विश्व विद्यालयों / शीर्ष संस्थानों द्वारा प्रमाणीकरण दस्तावेजीकरण :
- वित्त मंत्रालय , भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को प्रामाणिक मानते हुए ,सभी बैंकों , बीमा कंपनियों एवं वित्तीय संस्थाओं को सरकारी निर्देश दिये थे कि सभी हिन्दी कार्यशालाओं में इस शोध को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाय व साथ ही गृह पत्रिकाओं के इसे प्रकाशित किया जाये ।[v]
- केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, भारत सरकार द्वारा शोध की प्रामाणिकता जानने के लिए नियुक्त विशेषज्ञ नें इस शोध को प्रामाणिक माना तथा प्रबल रूप से संपुष्टि करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की ।[vi]
- भारत सहित विश्व के 178 शीर्ष भाषाविदों ने इस शोध का समर्थन किया है एवं लिखित रूप में इस शोध की सराहना की । ये सभी दस्तावेज़ मेरे पास उपलब्ध हैं ।
- मंगलूर विश्व विद्यालय ( कर्नाटक ) एवं मुहास मंगलूर द्वारा 21 -11 -2022 को मंगलूर विश्व विद्यालय के अधीन आने वाले महाविद्यालयों के प्रोफेसरों के लिए संगोष्ठी आयोजित की गई।इस संगोष्ठी में इस शोध पर गंभीर विचार विमर्श एवं चर्चा आयोजित की गई । इसमे शोध की प्रामाणिकता के लिए तथ्यात्मक विश्लेषण ( फ़ैक्ट चेक ) भी किया गया । इस कार्य में 69 प्रोफेसरों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से इस शोध को प्रामाणिक मानते हुए विधिवत हस्ताक्षरित दस्तावेज़ तैयार किए गए ।
- दिनांक 25-11-2022 को संत अलोयशियस स्वायत्त महा विद्यालय ( विश्व विद्यालयवत ) में भी शोध रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर चर्चा करने के लिए विशेष कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के 6 प्रोफेसरों और हिन्दी का उच्च अध्ययन करने वाले 58 विद्यार्थियों ने चर्चा में भाग लिया। शोध रिपोर्ट पर गंभीर विचार विमर्श हुआ तथा इस विचार विमर्श के उपरांत सर्वसम्मति से इस शोध की प्रामाणिकता को असंदिग्ध रूप से पुष्ट किया । सभी ने इस शोध की प्रामाणिकता हेतु हस्ताक्षरित दस्तावेज़ प्रस्तुत किए ।
- मंगलूर हिन्दी प्रशिक्षण एवं अध्ययन संस्थान जो 75 वर्षों से हिन्दी शिक्षण में लगी संस्था है उसके विद्वान विशेषज्ञों की कोर कमेटी ने दिनांक 05-12-2022 को आयोजित बैठक में इस शोध रिपोर्ट की प्रामाणिकता की जांच हेतु विस्तृत विचार विमर्श किया गया और सभी बिन्दुओं पर विचार करते हुए समिति ने सर्व सम्मति से पाया कि यह शोध रिपोर्ट प्रामाणिक है । इस प्रकार पूर्ण रूप से संतुष्ट हो जाने पर प्रमाणीकरण हेतु हस्ताक्षरित दस्तावेज़ जारी किए । ये सभी दस्तावेज़ मेरे पास उपलब्ध हैं ।
- प्रमाणीकरण एवं दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया के तहत दिनांक 15-12-2022 को केन्द्रीय विश्व विद्यालय , कासरगोड ( केरल ) में इस शोध की प्रामाणिकता सिद्ध करने के लिए प्रस्तुत किया गया । इस शोध की प्रमाणीकरण प्रक्रिया में हिन्दी भाषा एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग एवं 5 प्रोफेसरों / सह प्रोफेसरों तथा 5 रिसर्च स्कालरों ने एवं 33 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने चर्चा और प्रमाणीकरण हेतु तथ्यों की जांच में भाग लिया । गंभीर, अध्ययन एवं विश्लेषण के उपरांत सभी विशेषज्ञों , शोधार्थियों , विद्यार्थियों ने इस शोध को प्रामाणिक पाया और हस्ताक्षरित प्रमाणीकरण दस्तावेज़ जारी किए ।
- देहरादून , उत्तराखंड में दिनांक 9-1-2023 को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति , गृह मंत्रालय ,भारत सरकार , द्वारा आयोजित विश्व हिन्दी पर आयोजित सेमिनार में इस शोध पर विस्तृत चर्चा हुई तथा 14 भाषाविदों ने इस शोध की प्रामाणिकता की पुष्टि की ।
- भारत के विभिन्न विश्व विद्यालयों के प्रोफेसरों के लिए दिनांक 10-1-2023 को आयोजित वेबिनार में 120 प्रोफेसरों ने इस शोध पर विचार विमर्श करने के उपरांत इस शोध को प्रामाणिक माना ।
- दिनांक 13 -1-2023 को मंगलूर , कर्नाटक राज्य मे स्थित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति , गृह मंत्रालय ,भारत सरकार , द्वारा विश्व हिन्दी दिवस पर आयोजित सेमिनार में इस शोध पर विस्तृत चर्चा हुई तथा 35 भाषाविदों ने इस शोध की प्रामाणिकता को पुष्ट किया ।
- उपरिवर्णित प्रमाणीकरण दस्तावेजों के आधार पर यह निर्विवाद रूप से सिद्ध हो गया कि यह रिपोर्ट प्रामाणिक है । अब तक 639 भाषाविदों / भाषा विशेषज्ञों तथा हिन्दी विद्वानों ने इस शोध का प्रमाणीकरण किया है । ये सभी दस्तावेज़ मेरे पास सुरक्षित हैं तथा सक्षम प्राधिकारी द्वारा माँग किए जाने पर उनके सम्मुख प्रस्तुत किए जाएंगे।
हिन्दी की रैंकिंग के संबंध में एथ्नोलोग कम आंकड़े क्यों दिखा रहा है ? :
एथ्नोलोग ने हिन्दी के जानकारों की गणना में 5 प्रकार की गलतियाँ की हैं जिनका विवरण मैंने अपनी शोध रिपोर्ट 2023 ( 19 वें संस्करण ) में विस्तार से दिया है[vii] । विश्व की भाषाओं की रैंकिंग , भाषा के जानकारों के आधार पर होती है । उदाहरण के लिए अँग्रेजी भाषा की गणना के लिए उन सभी व्यक्तियों को शामिल किया गया है जो थोड़ी बहुत अँग्रेजी जानते हैं । अर्थात जिन्हें अँग्रेजी का काम चलाऊ ज्ञान है उन्हें भी अँग्रेजी के जानकारों में शामिल किया गया है, चाहे उनकी भाषा कोई भी क्यों न हो । उदाहरण के लिए कोई मराठी भाषी अँग्रेजी जनता है तो उसकी गिनती मराठी भाषियों में भी होगी और अँग्रेजी भाषियों में भी । इसी सिद्धान्त के आधार पर एथ्नोलोग अँग्रेजी के जानकारों की संख्या 1 अरब 50 करोड़ दिखाता है लेकिन आज भी अर्थात वर्ष 2025 में हिन्दी के जानकारों की संख्या 60 करोड़ ( 608 मिलियन ) दिखाता है। यह संख्या कई वर्षों से 60 करोड़ ही दिखाई जा रही है जबकि अँग्रेजी के आंकड़े हर वर्ष अद्यतन कर के दिखाये जाते हैं । वास्तविकता तो यह है कि भारत के 11 हिन्दी भाषी राज्यों की वर्ष 2025 की जनसंख्या 69 करोड़ है अर्थात 690 मिलियन है । इन 11 राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों मे सभी अर्थात 100% जनता हिन्दी जानती है । अकेले इन 11 राज्यों में 69 करोड़ जनता हिन्दी जानती है तो एथ्नोलोग सिर्फ 60 करोड़ क्यों दिखा रहा है ? यह प्रश्न हर भारतवासी को एथ्नोलोग से पूछना चाहिए ।
भारत में अन्य भाषा – भाषी भी हिन्दी जानते हैं , उनकी संख्या को हिन्दी जाननेवालों में शामिल नहीं किया गया है यह प्रश्न भी एथ्नोलोग से पूछा जाना चाहिए । इसी प्रकार हर उर्दूभाषी हिन्दी जानता है , उन्हें भी हिन्दी जाननेवालों में शामिल नहीं किया गया है जबकि उन्हें हिन्दी के जानकारों मे शामिल किया जाना चाहिए , जैसा की अँग्रेजी और अन्य भाषाओं के मामले में किया जाता है । , एथ्नोलोग का यह दोहरा मापदंड ठीक नहीं । एथ्नोलोग द्वारा जब “अमेरिकन अँग्रेजी” और “ब्रिटिश अँग्रेजी” में भेद नहीं किया जाता है और इनकी संख्या अँग्रेजी के जानकारों मे गिनी जाती है तो हिन्दी और उर्दू में भेद क्यों किया जाता है ? अँग्रेजी के मामले में सभी प्रकार की अँग्रेजी को शामिल किया जाता है लेकिन हिन्दी के मामले में हिन्दी जानकारों की वास्तविक संख्या को घटा कर दिखाया जाता है । यही कारण है कि एथ्नोलोग हिन्दी को तीसरे स्थान पर दिखाए जा रहा है और अँग्रेजी को पहले स्थान पर जो हर दृष्टि से अनुचित है ।
वर्ष 2025 की शोध में हिन्दी जानकारों की गणना कैसे की गई है और आंकड़े कहाँ से लिए गए हैं ?
एथ्नोलोग[viii] द्वारा भाषाओं की रैंकिंग के लिए जिन मानदंडों को अपनाया जाता है उन्ही मानदंडों को अपनाते हुए मैंने संपूर्ण विश्व से आंकड़े एकत्र किए और इन आंकड़ों के विश्लेषण के पश्चात तथा इनकी प्रति जांच करने के उपरांत ही इन्हें तालिकाओं के रूप में प्रस्तुत किया है । यह आंकड़े भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थानों तथा विदेश मंत्रालय की वेबसाइट से लिए गए हैं । भारत के संदर्भ में आंकड़े , राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय के वार्षिक कार्यक्रम 2024 – 2025 में वर्णित “क” “ख” और “ग” क्षेत्र के आधार पर भाषा ज्ञान का आधार लेकर समुचित शोध एवं विश्लेषण और प्रति जांच के उपरांत ही इन्हें तालिका – 2 में स्थान दिया गया है ।[ix]
सरकारी विभागों में हिंदी के जानकारों की संख्या का भी अध्ययन , भारत सरकार राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय की विभिन्न रिपोर्टों तथा वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर किया गया है ।[x] इतना ही नहीं इन आंकड़ों को विभिन्न स्रोतों से प्रति जांच के बाद ही इस शोध में स्थान दिया गया है । भारत में हिंदी की प्रगति निरंतर तेजी से बढ़ रही है इसलिए भारत के हिंदी जानकारों के आंकड़े नवीनतम जनसंख्या के आधार पर दिए गए हैं । चूंकि विदेश में हिंदी जानकारों की संख्या में वृद्धि बहुत धीमी गति से हो रही है इसलिए विदेशों में हिन्दी जानकारों के आंकड़े मैंने अपने भाषा शोध अध्ययन 2023 से लिए हैं । इस प्रकार तालिका 3, 4, और 5 को यथावत गणना मेँ लिया गया है । इस प्रकार वर्ष 2025 के आंकड़ों की प्रमाणिकता भी संदेह से परे है । यही पद्धति भाषाओं की रैंकिंग के लिए एथ्नोलोग भी अपनाता हैं।
हिंदी और अन्य भाषाओं की वर्ष 2025 की रैंकिंग क्या है ?
नवीनतम शोध वर्ष 2025 ( 20 वें संस्करण ) के अनुसार हिंदी की तथा विश्व की पांच सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं की स्थिति निम्नवत हैं :
शोध रिपोर्ट 2025 के अनुसार[xi] | एथ्नोलोग के अनुसार रैंकिंग 2025[xii] | ||||
भाषा | जानकारों की संख्या करोड़ में | विश्व में रैंक | भाषा | जानकारों की संख्या करोड़ में | विश्व में रैंक |
हिन्दी | 159 | I | अँग्रेजी | 150 | I |
अँग्रेजी | 150 | II | मंदारिन | 110 | II |
मंदारिन | 110 | III | हिन्दी | 60 | III |
स्पेनी | 55 | IV | स्पेनी | 55 | IV |
अरबी | 35 | V | अरबी | 35 | V |
हिन्दी जानकारों की उक्त संख्या की गणना कैसे की गई है ? :
यह एक उल्लेखनीय तथ्य है कि भाषाओं की रैंकिंग के लिए जो आंकड़े दिये जाते हैं उनमें भाषा के सभी स्तर के जानकारों को शामिल किया जाता है जैसे हिन्दी का उदाहरण लें , इसमे हिन्दी भाषी अर्थात जिनकी मातृभाषा हिन्दी है , हिन्दी के प्रवीण जिन्होने हिन्दी का उच्च अध्ययन किया है , या वे जिन्हें हिन्दी का थोड़ा ज्ञान है और वे हिन्दी बोल या समझ सकते हैं उन सबको हिन्दी के जानकारों में शामिल किया गया है यही पद्धति अँग्रेजी तथा अन्य भाषाओं के लिए भी प्रयुक्त होती है । इस प्रकार हिन्दी बोलने वालों / हिन्दी जाननेवालों की कुल संख्या एथ्नोलोग की गणना पद्धति के मानदंडों के अनुसार गणना करने पर निम्नवत है :
- भारत सरकार , गृह मंत्रालय , राजभाषा विभाग के वार्षिक कार्यक्रम 2024 – 2025 के अनुसार भारत के 11 राज्य/ संघ शासित क्षेत्र जहां 100 % जनता हिन्दी जानती है अर्थात “ क “ क्षेत्र
विवरण के लिए तालिका 2 देखें “क” क्षेत्र 690257785
- भारत सरकार , गृह मंत्रालय , राजभाषा विभाग के वार्षिक कार्यक्रम 2024 – 2025 के अनुसार भारत के 6 राज्य/ संघ शासित क्षेत्र जहां 90 % जनता हिन्दी जानती है अर्थात “ ख “ क्षेत्र
विवरण के लिए तालिका 2 देखें “ख” क्षेत्र 209996614
- भारत सरकार , गृह मंत्रालय , राजभाषा विभाग के वार्षिक कार्यक्रम 2024 – 2025 के अनुसार भारत के 20 राज्य/ संघ शासित क्षेत्र जहां 25 से 90 % जनता हिन्दी जानती है अर्थात “ ग “ क्षेत्र )
विवरण के लिए तालिका 2 देखें “ग” क्षेत्र 308865876
- विश्व के 37 देशों में जहां बड़ी मात्रा में हिन्दी के जानकार हैं। एथ्नोलोग ने माना है कि यहाँ हिन्दी जाननेवाले हैं राष्ट्र वार तालिका इस शोध रिपोर्ट में दी गई है ।
विवरण के लिए तालिका 3 देखें 45072451
- विश्व के 42 देशों में हिन्दी के जानकार काफी मात्रा में हैं , लेकिन एथ्नोलोग ने इनको गणना में शामिल नहीं किया है । इनकी राष्ट्र वार तालिका इसी शोध रिपोर्ट में दी गई है ।
विवरण के लिए तालिका 4 देखें 94436510
- विश्व के 129 देशों में हिन्दी के जानकार कम मात्रा में हैं , लेकिन एथ्नोलोग ने इनको भी गणना में शामिल नहीं किया है । इनकी राष्ट्र वार तालिका इसी शोध रिपोर्ट में दी गई है ।
विवरण के लिए तालिका 5 देखें 119854
- राजस्थानी ( हिन्दी ) बोलनेवाले घुमंतू ( रोमा ) जो किसी भी देश के नागरिक नहीं हैं ।[xiii]
विवरण के लिए केंद्रीय हिन्दी संस्थान , आगरा ( भारत सरकार ) की पत्रिका गवेषणा में प्रकाशित शोध लेख देखें । अंक 1 खंड 36 अप्रेल- जून 2024 500000
- विश्व में उर्दू भाषी जो हिन्दी जानते हैं ( कुल संख्या 237900000 का 95 % हिन्दी के जानकार हैं , इसलिए हिन्दी के जानकार 226005000 ) तालिका 1 देखें 226005000
उर्दू की संख्या के लिए देखें एथ्नोलोग का 27 वाँ संस्करण 2025
- भारत में अवैध आप्रवासी जो हिन्दी बोलते हैं । कुल जनसंख्या 30000000 का 80 % हिन्दी जानते हैं ,अर्थात 24000000 आप्रवासी हिन्दी जानते हैं । ये आप्रवासी महाराष्ट्र और दिल्ली, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में बड़ी संख्या में हैं । 24000000
विवरण के लिए देखें भारत सरकार कीराज्य सभा रिपोर्ट एवं तालिका 1 देखें
हिन्दी के जानकारों की कुल संख्या 1599254090
[i] भारत सरकार , उच्च शिक्षा विभाग , प्रतिलियाधिकार के पंजीयक का कार्यालय, दिल्ली
[ii] एथ्नोलोग के संपादक का ई मेल के माध्यम से भेजा गया पत्र दिनांकित 24-02-2005.
[iii] उत्तराखंड भाषा संस्थान के पत्र संख्या 555/101/उ. भा. सं /2023-24 दिनांकित 08-09-2023 द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट ।
[iv] कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड़ द्वारा गठित उच स्तरीय समिति की रिपोर्ट संदर्भ संख्या केयू/पीजी/एचआईएनडीआई/2022-23 दिनांक 08-12-2024
[v] वित्त मंत्रालय भारत सरकार का पत्र दिनांकित 23-07-2014
[vi] कें हिं सं, भारत सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ की रिपोर्ट दिनांकित 22-07-2021
[vii] भाषा शोध अध्ययन 2023 ( 19 वां संस्करण – डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल , वैश्विक हिन्दी शोध संस्थान देहरादून ।
[viii] एथ्नोलोग सिल की वेब साइट https://www.ethnologue.com/browse/names/
[ix] गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग , भारत सरकार का वार्षिक कार्यान्वयन कार्यक्रम , 2024 – 25 https://rajbhasha.gov.in/sites/default/files/ap_2022_23_0.pdf
[x] राजभाषा विभाग , भारत सरकार के कर्मचारियों के हिन्दी में कार्य साधक ज्ञान और प्रवीणता से संबन्धित समेकित वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट
[xi] डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल की शोध रिपोर्ट 2025 ( 20 वां संस्करण )
[xii] एथ्नोलोग का वार्षिक प्रकाशन 2025 ( 27 वां संस्करण )
[xiii] विवरण के लिए भारत सरकार की पत्रिका गवेषणा में प्रकाशित शोध लेख अगस्त 2024
तालिका -1
विश्व मे उर्दूभाषी और अवैध शरणार्थी जो हिन्दी बोलते हैं उनकी वास्तविक स्थिति वर्ष 2024 के अंत तक
क्र सं | विवरण | एथ्नोलोग के अनुसार आंकड़े उर्दू के जानकार | मेरी शोध के अनुसार आंकड़े उर्दूभाषी हिन्दी के जानकार |
1 . | विश्व में उर्दू बोलनेवालों /जानने वालों की संख्या ( एथ्नोलोग में दिये गए वर्ष 2025 के आंकड़े ) इनमें 95 % जनता हिन्दी जानती है । | 237900000 | 226005000 |
2. | भारत में बसे अवैध आप्रवासी, पाकिस्तानी हिन्दू , बांग्लादेशी / रोहिंग्या , अफगानिस्तानी , तिब्बती, चकमा शरणार्थी कुल संख्या 30000000 है । इनमें अधिकांश महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल इनमें 80 % जनता हिन्दी जानती है । ( टिप्पणी : केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने राज्य सभा में नवंबर 2016 मे दी गई जानकारी के अनुसार भारत में 2 करोड़ बंगलादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं )[i] उसके बाद रोहिङ्ग्या और अन्य शरणार्थी भी आते रहे । इसलिए इनकी कुल संख्या कम से कम 3 करोड़ आँकी गई है । | 00 | 18000000 |
योग | 244005000 |
स्रोत : डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल की शोध रिपोर्ट 2025 ( 20 वाँ संस्करण )
तालिका – 2
भारत में हिन्दी जाननेवाले (आंकड़े 2024 वर्षांत तक )
रत सरकार द्वारा जारी राजभाषा नियम 1976 ( यथा संशोधित 1987) के अनुसार वर्गीकृत भारत के भाषिक क्षेत्र
क्र सं | राज्य / संघ शासित क्षेत्र | जनसंख्या | हिन्दी जाननेवालों का प्रतिशत | हिन्दी जानने वालों की संख्या |
रा भा नियम 1976 के अनुसार “क क्षेत्र” | ||||
1 | अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह | 464039 | 100 | 464039 |
2 | बिहार | 128957380 | 100 | 128957380 |
3 | छत्तीसगढ़ | 30830931 | 100 | 30830931 |
4 | दिल्ली | 20292597 | 100 | 20292597 |
5 | हरियाणा | 29558515 | 100 | 29558515 |
6 | हिमाचल प्रदेश | 7896559 | 100 | 7896559 |
7 | झारखंड | 39884598 | 100 | 39884598 |
8 | मध्यप्रदेश | 88868481 | 100 | 88868481 |
9 | राजस्थान | 84430630 | 100 | 84430630 |
10 | उत्तराखंड | 11969345 | 100 | 11969345 |
11 | उत्तर प्रदेश | 247104710 | 100 | 247104710 |
योग ( “ क “ क्षेत्र ) | 690257785 | 690257785 | ||
रा भा नियम 1976 के अनुसार “ ख क्षेत्र” | ||||
12 | चंडीगढ़ | 1275785 | 90 | 1148207 |
13 | दादर एवं नगर हवेली | 415462 | 90 | 373916 |
14 | दमन एवं दीव | 294029 | 90 | 264627 |
15 | गुजरात | 68971863 | 90 | 62074677 |
16 | महाराष्ट्र | 130413739 | 90 | 117372366 |
17 | पंजाब | 31958689 | 90 | 28762821 |
योग ( “ ख “ क्षेत्र ) | 233329567 | 209996614 | ||
रा भा नियम 1976 के अनुसार “ग क्षेत्र” | ||||
18 | आंध्र प्रदेश | 57074168 | 55 | 31390793 |
19 | अरुणाचल प्रदेश | 1649415 | 90 | 1484474 |
20 | असम | 37327203 | 70 | 26129043 |
21 | गोवा | 1665012 | 90 | 1498511 |
22 | जम्मू एवं कश्मीर | 15159428 | 85 | 12885514 |
23 | कर्नाटक | 71409551 | 60 | 42845731 |
24 | केरल | 38130871 | 60 | 22878523 |
25 | लक्ष्यद्वीप | 77933 | 30 | 23380 |
26 | मणिपुर | 3246974 | 45 | 1461139 |
27 | मेघालय | 3535972 | 35 | 1237591 |
28 | मिजोरम | 1301548 | 30 | 390465 |
29 | नागालैंड | 2362800 | 30 | 708840 |
30 | उड़ीशा | 49029692 | 70 | 34320785 |
31 | पुदुच्चेरी | 1508476 | 25 | 377119 |
32 | सिक्किम | 724954 | 65 | 471221 |
33 | तमिलनाडु | 82542729 | 25 | 20635683 |
34 | तेलंगाना | 41521745 | 70 | 29065222 |
35 | त्रिपुरा | 4379432 | 40 | 1751773 |
36 | पश्चिम बंगाल | 105437312 | 75 | 79077984 |
37 | लद्दाख | 331550 | 70 | 232085 |
योग (“ ग “ क्षेत्र ) | 518416765 | 59.57 | 308865876 | |
महा योग ( क + ख + ग क्षेत्र ) | 1442004117 | 83.84 | 1209018722 |
स्रोत : डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल की शोध रिपोर्ट – 2025 ( 20 वाँ संस्करण )
तालिका Table – 3
एथ्नोलोग के अनुसार विश्व में हिन्दी जाननेवाले और उनकी वास्तविक संख्या
नोट : 1. उर्दू भाषियों की संख्या इन आंकड़ों से हटा दी गई है । इसे अलग से अंत में जोड़ा जाएगा। 2. दक्षिण भारत की भाषाओं के भाषा भाषियों में हिन्दी के जानकारों की गणना करना कठिन था इसलिए उनकी गणना हिन्दी भाषा के जानकारों में नहीं की गई है । विदेशों में इनकी संख्या बड़ी मात्र में है ।) 3. हिन्दी जानकारों की वास्तविक संख्या जानने के लिए कॉलम 3 और कॉलम 5 को जोड़ा गया है ।
क्र सं | राष्ट्र | एथ्नोलोग | वास्तविक संख्या | विसंगति का कारण |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 |
1. | आस्ट्रेलिया | 160000 | 278800 | गुजराती,मराठी ,हिन्दी, फीजी, पंजाबी भाषियों की कुल संख्या 123000 है । इसका 90 % अर्थात 118800 हिन्दी जानकार हैं इसलिए इन्हे हिन्दी जाननेवालों में जोड़ा गया है । |
2 | बेल्जियम | 13600 | 52930 | पंजाबी भाषियों की कुल संख्या 43700 है । इसका 90 % अर्थात 13600 हिन्दी जानकार हैं इसलिए इन्हे हिन्दी जाननेवालों में जोड़ा गया है । |
3 | ब्रुनेई | 3900 | 5808 | नेपाली भाषियों की कुल संख्या 2120 है । इसका 90 % अर्थात 1908 हिन्दी जानकार हैं इसलिए इन्हे हिन्दी जाननेवालों में जोड़ा गया है । |
4 | कंबोडिया | 1700 | 1700 | भारत के कंबोडिया से बहुत पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं । यद्यपि यहाँ भर्तियों की संख्या कम है लेकिन सांस्कृतिक रूप से ये सजग है । |
5 | कनाडा | 111000 | 725045 | गुजराती,मराठी ,नेपाली , पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 573840 आती है । ये हिन्दी के जानकार हैं इसलिए इन्हे हिन्दी जाननेवालों में जोड़ा गया है । बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 40205 जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
6 | एक्वेटेरल गिनी | 1400 | 1400 | सांस्कृतिक सम्बन्धों तथा नौकरी की तलाश में गए सीमित संख्या में भारतीय है। |
7 | एसवाटिनी | 8200 | 8200 | 500 से अधिक लोगों ने एसवाटिनी की नागरिकता ले ली है । सांस्कृतिक सम्बन्धों तथा नौकरी की तलाश में गए सीमित संख्या में भारतीय है। |
8 | फ़िनलेंड | 2370 | 8039 | नेपाली भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 3546 आती है। बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 2123 है । इन्हे जोड़ कर यह संख्या 8039 बनती है । |
9 | जर्मनी | 75400 | 112221 | नेपाली , पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर और बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 112221 आती है । |
10 | केन्या | 6700 | 10000 | केन्या में 80 हजार से 1 लाख तक भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं । हिन्दी के जानकार 10 हजार से अधिक है । |
11 | कुवैत | 700000 | 937320 | बंगाली , भाषियों की कुल संख्या का 55 % लेने पर 192500 और नेपाली भाषियों की संख्या का 90 % लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 44820 आती है । 7 लाख में यह संख्या जोड़ने से यह संख्या बनती है । |
12 | लेसेटू | 2200 | 2200 | 4000 से अधिक भारतीय निवास करते हैं । 55 % हिन्दी के जानकार हैं । |
13 | लकसेमबर्ग | 1200 | 1200 | सीमित मात्र में भारतीय मूल के लोग रहते हैं |
14 | मलेशिया | 60000 | 877760 | डेली हंट के अनुसार यह संख्या 800000 है । इसमे गुजराती और पंजाबी भाषियों की संख्या का 90 % लेने पर 77760 आती है । डेली हंट के आंकड़े मिला कर योग 877760 होती है । दक्षिण की भाषाओं की संख्या निर्धारित करना कठिन था इसलिए उन्हें हिसाब में नहीं लिया गया है । |
15 | मारीशश | 36000 | 177900 | भोजपुरी भाषियों की संख्या 66000 है । बंगाली भाषियों की संख्या का 55%लेने पर यह संख्या 36000 आती है । गुजरती, मराठी और पंजाबी का 90% लेने पर 39600 की संख्या जोड़ देने पर यह संख्या 1777900 हो जाती है । |
16 | म्यांमार | 133000 | 4000000 | अंग्रेजों के शासन काल में यहाँ हिन्दी और अँग्रेजी का बहुत प्रयोग होता था । हिन्दी व्यापार की भाषा थी तथा अँग्रेजी प्रशासन की भाषा थी । अतः हिन्दी जानकारों की संख्या को विद्वान 50 लाख तक मानते हैं ।कम से कम संख्या लेने पर भी यह संख्या 40 लाख है । |
17 | नेपाल | 1307600 | 29492822 | नेपाल में भाषाओं की स्थिति इस प्रकार है : अवधी (547400),भोजपुरी(17403000),मैथिली,(4085000),मारवाड़ी (26410),नेपाली (20780000),संस्कृत (3000),संथाली (50880 ), यह उल्लेखनीय तथ्य है कि प्रायः सभी नेपाली भाषी हिन्दी जानते हैं । |
18 | न्यूजीलैंड | 66300 | 109711 | गुजराती,मराठी ,नेपाली , पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 42080 आती है । ये हिन्दी के जानकार हैं इसलिए इन्हे हिन्दी जाननेवालों में जोड़ा गया है । बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 1331 है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
19 | ओमान | 100000 | 450350 | गुजराती,मराठी ,नेपाली , पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 49500 आती है । ये हिन्दी के जानकार हैं इसलिए इन्हे हिन्दी जाननेवालों में जोड़ा गया है । बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 300850 है। ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
20 | पनामा | 15000 | 15000 | गुजराती , पंजाबी और सिंधी बहुल जनसंख्या है । |
21 | फिलीपींस | 4400 | 10000 | पंजाबी, सिंधी और तमिल निवास करते हैं । इनकी संख्या 1 लाख 20 हजार से अधिक है । |
22 | पुर्तगाल | 4100 | 10000 | 81 हजार से अधिक भारतीय मूल की जनसंख्या निवास करती है । गोवा , दमन दीव ,के निवासी और गुजराती मूल के नागरिक यहाँ रहते हैं । |
23 | प्यूरिटोरिको | 3670 | 3670 | इस संख्या का अन्य स्रोतों से आधिकारिक रूप में पता नहीं चल पाया है । इसलिए एथ्नोलाग के आंकड़े को ही स्वीकृत कर लिया है । |
24 | रूसी फेडरेशन | 6330 | 6330 | 23590 भारतीय रूसी फ़ैडरेशन मे रहते हैं । हिन्दी जानकारों की संख्या काफी है लेकिन एथ्नोलोग के आंकड़े स्वीकार्य हैं । |
25 | सऊदी अरेबिया | 817000 | 3220150 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 1245750 है। नेपाली , पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 1157400 आती है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
26 | सीरा लियोन | 15000 | 2000 | कुल भारतीय 3500 के आसपास हैं । इनमे हिन्दी के जानकार लगभग 2000 हैं । यहाँ एथ्नोलोग की संख्या गलत प्रतीत होती है । |
27 | सिंगापुर | 50000 | 136208 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 82500 है। गुजराती भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 3708 आती है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
28 | सेंट मार्टिन | 2000 | 3102 | 5171 की जनसंख्या में हिन्दी के जानकार 60% हैं । |
29 | दक्षिणी अफ्रीका | 463000 | 713800 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 165000 है। गुजराती भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 28800 आती है । भोजपुरी बोलनेवाले 57000 हैं । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
30 | श्री लंका | 41300 | 150785 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 11385 है। गुजराती भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 98100 आती है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
31 | स्वीडन | 14100 | 21750 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 4081 है। पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 3573 आती है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
32 | थायलैंड | 22900 | 97950 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 19250 है। पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 55800 आती है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
33 | युगांडा | 5300 | 18000 | युगांडा में 30000 भारतीयों में अधिकांश हिन्दी, गुजराती , पंजाबी , उर्दू व अन्य भारतीय भाषाएँ बोलते हैं । भाषिक विश्लेषण करने पर हिन्दी के जानकारों की संख्या 18000 आती है । |
34 | यू ए ई | 938000 | 1594080 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 449350 है। पंजाबी और नेपाली भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 333900 आती है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
35 | यू के | 45800 | 617 937 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 121550 है। गुजराती , मराठी ,नेपाली एवं पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 451867 आती है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
36 | अमेरिका | 643000 | 1500220 | बंगाली भाषियों की संख्या का 55% लिया है इस प्रकार इनकी संख्या 141900 है। गुजराती , मराठी ,नेपाली एवं पंजाबी भाषियों की कुल संख्या का 90 % लेने पर इनकी संख्या 715320 आती है । ये सभी जोड़ कर यह संख्या बनती है । |
37 | यमन | 316000 | 316000 | अट्ठारहवीं सदी में अंग्रेज़ो ने अदन पर कब्जा कर लिया था । भारत से अदन के व्यापारिक सम्बन्धों के कारण यहाँ हिन्दी का प्रचालन हुआ । |
कुल योग | 6197470 | 45072451 | इन 37 देशों में हिन्दी जाननेवालों की कुल संख्या 45072451 है जबकि एथ्नोलोग इसे सिर्फ 6197470 दिखाता है । |
स्रोत : कॉलम 1 से 3 के आंकड़े एथ्नोलोग के 2022 संस्करण से लिए गए हैं तथा कॉलम 4 एवं 5 के आंकड़े डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल की शोध रिपोर्ट 2023 पर आधारित हैं।
तालिका – 4
विश्व में हिन्दी भाषियों की संख्या जो एथ्नोलोग में नहीं दर्शाई गई है यद्यपि यहाँ बड़ी संख्या में हिन्दी जानने वाले रहते हैं
क्र सं | राष्ट्र | वास्तविक हिन्दी जानकारों की संख्या | हिन्दी जानकारों की संख्या निर्धारित करने स्रोत एवं प्रमुख कारण ( कोष्ठक में दिये गए आंकड़े भारत सरकार विदेश मंत्रालय की वेब साइट से लिए गए हैं । इसमे विदेशों में रह रहे भारतीयों ( OI ) की प्रामाणिक जानकारी दी गई है । ) |
1 | 2 | 3 | 4 |
1. | आस्ट्रिया | 15000 | (31000) भारतीयों में केरल और पंजाब के निवासी अधिक हैं ।इनका 50 % हिन्दी जानता है । |
2. | बहरीन | 200000 | (350000) भारतीय हैं । इनमें केरल , तमिलनाडु ,महाराष्ट्र, गोवा, पंजाब,उत्तरप्रदेश, राजस्थान से हैं। घरेलू काम करनेवाली महिलाएं तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से हैं । संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी का प्रयोग किया जाता है । |
3. | भूटान | 547718 | भारत से आपसी संबंध एवं भौगोलिक समीपता तथा बॉलीवुड की फिल्मों एवं गानों की लोकप्रियता के कारण हिन्दी प्रचलित है । भूटान की अधिकांश जनता हिन्दी समझ और बोल सकती है । |
4. | बोटस्वाना | 10000 | केरल , आंध्रा प्रदेश एवं गुजरात से अधिसंख्य भारतीय मूल के निवासी हैं । अधिकांश गुजराती होने के कारण हिन्दी का प्रचालन अधिक है । |
5. | चीन ( हांग कांग , ताइवान सहित ) | 98225 | (98225) भारतीय और भारतीय मूल की जनसंख्या में अधिकांश बिहारी , बंगाली , राजस्थानी राजपूत , मराठा ,पंजाबी और अन्य उत्तर भारतीयों की संख्या बहुत अधिक है । |
6. | कोंगों ( डी आर ) | 5 000 | (13000) भारतीय मूल के लोगों में में , गुजरात, केरल और दक्षिणी राज्यों के मूल निवासी हैं । |
7. | डेनमार्क | 1500 | (15000) की भारतीय मूल की जनसंख्या में दक्षिण भारत से अधिकांश लोग हैं इसलिए हिन्दी जाननेवाले 1000 मात्र हैं . |
8. | फ़िजी | 300000 | फ़िजी में (313798) भारत वंशी हैं जो आज भी अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़े हैं । यहाँ फ़िजी हिन्दी बोली जाती है जो अवधी, भोजपुरी , राजस्थानी , पश्चिमी हिन्दी व स्थानीय शब्दों को मिला कर बोली जाती है । फ़िजी हिन्दी अन्य राष्ट्रों में भी बोली जाती है यथा न्यूजीलैंड(27882),आस्ट्रेलिया (29750),यू एस ए (24345),कनाडा(22770),यू के (2000), टोंगा (310) |
9. | फ़्रांस | 60000 | 109000 भारतीय मूल की जनसंख्या में फ्रेंच , पंजाबी , हिन्दी, गुजराती ,तमिल, मलयालम तथा अंग्रेज़ी भाषी हैं । इनमे 60000 से अधिक हिन्दी के जानकार हैं । |
10. | फ़्रांस ( रीयूनियन) | 50000 | (297300) भारतीय मूल के लोगों मे अधिकांश तमिल मूल के है लेकिन 1850 में 40000 गुजराती व्यापारी आकार यहाँ बस गए , अन्य प्रान्तों से आए लोग भी आज भी भारत से जुड़ाव महसूस करते हैं , बॉलिवुड की हिन्दी फिल्मों के गीत गुगुनाते हैं और रामायण तथा महाभारत के श्लोक भी आदर से उच्चारित किए जाते हैं |
11 | फ़्रांस (G M St M ) | 10000 | (67220) भारतीय मूल के व्यक्तियों में अधिकांश तमिल व मलयालम भाषी हैं । अन्य प्रदेशों आए भारतवनशियों के साथ मिश्रित हिन्दी का उपयोग होता है। |
12 | घाना | 6000 | घाना में (10000) की भारतीय आबादी है । मुख्यत ये गुजराती और सिंधी हैं इसलिए हिन्दी के जानकारों की संख्या 6000 है । |
13 | यूनान (ग्रीस ) | 11000 | (13389) जनसंख्या भारत मूल की है । यहाँ पंजाब से बंधुआ मजदूरी करने के लिए गरीब श्रमिक लाये गए थे । आज भी ये आत्मिक रूप से भारत से जुड़े हैं । |
14 | गयाना | 299382 | (299382) सभी गयानी हिन्दी बोलते हैं । यह भोजपुरी बोली में कुछ स्थानीय शब्दों का उपयोग करके बोली जाती है । |
15 | इंडोनेशिया | 100000 | (120000) भारत वंशी रहते हैं , इनमे तमिल, हिन्दी , सिंधी ,पंजाबी , गुजराती , मलयालम ,तेलुगू भाषाभाषी हैं लेकिन संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी का प्रयोग किया जाता है । |
16 | इराक | 12000 | (18007) भारतीय मूल की जनता में हिन्दी के प्रति लगाव होने से यहाँ हिन्दी को भारतीय और पाकिस्तानी समुदाय प्राथमिकता देता है । |
17 | आयरलैंड | 40000 | (45000) हिन्दी अँग्रेजी , उर्दू , पंजाबी, बंगाली, तमिल , मलयालम व अन्य भारतीय आर्यभाषाओं का प्रचलन है |
18 | इजरायल | 50000 | (97467) मराठी, गुजराती, हिब्रू तथा अन्य भारतीय भाषाएँ प्रचलित हैं । हिन्दी को अनिवासी भारतीय पसंद करते हैं। |
19 | इटली | 190000 | (203052) भारतीय लोगों में अधिकांश पंजाब से है , केरल से तथा अन्य राज्यों से भी आप्रवासी आते हैं । पाकिस्तान के नागरिक भी एक लाख तक हैं। संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी का प्रमुख स्थान है । |
20 | जमाइका | 48000 | (80000) की जनसंख्या में 75000 वे लोग हैं जो गिरमिटिया मजदूर के रूप में लाये गए थे जिनहोने आज तक भी अपनी भाषा और संस्कृति को अपनाए रखा है । ये अवधी और भोजपुरी मिश्रित हिन्दी बोलते हैं जिसे यहाँ कैरेबियाई हिंदुस्तानी नाम से जाना जाता है । (60%) |
21 | जापान | 35000 | (38619) में से बड़ी संख्या हिन्दी, मराठी, पंजाबी, बंगाली भाषियों की संख्या अधिक है । तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषी भी संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी अपनाते हैं। |
22 | जॉर्डन | 10000 | (20760) भारतीय जोर्डेन मे हैं । इनमे 50% से अधिक हिन्दी के जानकार हैं । |
23 | दक्षिण कोरिया | 11 000 | 24414 ( भारत सरकार विदेश मंत्रालय के दस्तावेजों यह संख्या 13585 है ) कोरिया की राजकुमारी का संबंध सदियों से अयोध्या से जोड़ा जाता है । बौद्ध धर्म का प्रचार सदियों पूर्व भारत ने ही यहाँ किया था । इन भारतवंशियों ने हिन्दी और भारतीय भाषाओं को आज तक जीवित रखा है । |
24 | किर्गिजिस्तान | 8000 | (11204) हिन्दी और भारतीय भाषाओं का प्रचलन काफी मात्रा में हैं । |
25 | मैडागास्कर | 9000 | (17500) इस भारतीय मूल की जनसंख्या द्वारा गुजराती , हिन्दी, फ्रेंच आदि भाषाएँ बोली जाती हैं । |
26 | मोज़ाम्बिक | 55000 | यहाँ भारतीय मूल के 70000 निवासी है ( विदेश मंत्रालय का आंकड़ा 24800 दर्शाता है ) ये कोंकणी, हिन्दी, गुजराती भाषी हैं । संपर्क के लिए हिन्दी का उपयोग करते हैं । |
27 | नीदर लैंड | 225000 | (240000) यहाँ उत्तर प्रदेश और बिहार से आए गिरमिटिया मजदूरों के अलावा पंजाब से भी व्यापार के लिए भी भारतीय आए थे कुछ सूरीनाम से भी भारतीय मूल के प्रवासी यहाँ आए । गांधी जी और हिन्दी का सम्मान है। |
28 | नाइजीरिया | 20000 | (40035) नाइजीरिया में 135 भारतीय कंपनियाँ कार्यरत है । भारततीयों में विभिन्न भाषा भाषी शामिल हैं । |
29 | नार्वे | 12000 | (22480) कुल भारत वंशियों में गुजराती , पंजाबी , उत्तरप्रदेश एवं तमिलनाडु से आए लोग शामिल हैं। |
30 | पोलैंड | 7000 | (10960) में गुजराती, पंजाबी, बंगला, तमिल, तेलुगु भाषा भाषी शामिल हैं । हिन्दी भाषा और भारतीय संस्कृति का बहुत महत्व है । |
31 | क़तर | 522585 | (746550) यहाँ हिन्दी, उर्दू,बंगाली, गुजराती,कन्नड, तमिल, मलयालम भाषा भाषी रहते हैं , संपर्क भाषा के रूप मे हिन्दी का प्रयोग होता है, यहाँ 70% हिन्दी के जानकार हैं। |
32 | सेशेल्स | 1000 | (17200) यद्यपि अधिकांश भारतीय मूल के निवासी है , लेकिन तमिल बहुल हिन्दू ,जैन , मुस्लिम तथा ईसाई धर्मावलम्बी है, यहाँ क्रिओल भाषा का प्राधान्य है । हिन्दी के जानकार कम हैं । |
33 | स्पेन | 12000 | (69988) विभिन्न देशों से भारतीय यहाँ आकार बस गए हैं । यहाँ हिन्दू धर्म और सिक्ख धर्म को मानने वाले है । सिंधी समुदाय तथा सिक्ख समुदाय व्यापार करते हैं। हिन्दी कम प्रचलित है । |
34 | सेंट लूसिया | 15000 | (19150) मे से अधिकांश बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश , तथा उत्तरी भारत से यहाँ गिरमिटिया मजदूर के रूप में लाये गए थे । |
35 | सूरीनाम | 200000 | (237205) भारतीय मूल के निवासी हैं । इन मे से अधिकांश बिहार, हरियाणा , उत्तरप्रदेश , पंजाब तथा उत्तरी भारत से व नेपाल व अफगानिस्तान से यहाँ गिरमिटिया मजदूर के रूप में लाये गए थे । |
36 | स्विट्जर लैंड | 15000 | (24567) इनमें से अधिकांश व्यक्ति सूचना प्रौद्योगिकी तथा फार्मा क्षेत्र में कार्यरत हैं। हिन्दी के जानकार बड़ी मात्र में हैं। |
37 | तंजानिया | 50000 | (60000) इनमे मुख्यतः गुजराती ( हिन्दी एवं मुस्लिम) समुदाय से है गौणतः मराठी, कोंकणी, पंजाबी और गोवा निवासी है। गुजराती का वर्चस्व है । संपर्क के लिए हिन्दी का उपयोग होता है । |
38 | त्रिनिडाड़ एवं टोबेगो | 378000 | (556800) भोजपुरी , अवधी , बिहारी, मगही जैसी भाषाओं का बहुतायत से उपयोग होता है । संपर्कभाषा के रूप में हिन्दी प्रचलित है . |
39 | ज़ाम्बिया | 20000 | (30000) मूलतः गुजराती समुदाय के निवासी हौ जो गुजराती भाषा का प्रयोग करते है॥ हिन्दी का उपयोग बाहरी भारतीय समुदायों से संपर्क के लिए किया जाता है । |
उर्दू भाषी राष्ट्र | |||
40 | अफगानिस्तान | 40100 | प्राचीन काल में यह भारत का हिस्सा था। अफगानिस्तान में बोली जाने वाली उर्दू / दारी भाषा की समीपता तथा बॉलीवुड की फिल्मों एवं गानों की लोकप्रियता के कारण हिन्दी प्रचलित है 733000 उर्दू भाषियों को तालिका 1 में शामिल किया गया है । 15000 गोजरी (राजस्थानी ) भाषा बोलते हैं । 39000 पंजाबी भाषी हैं । |
41 | पाकिस्तान | 16000000 | 15000000 उर्दू भाषी हैं जिनकी गणना तालिका 1 में शामिल है ।उर्दू के अलावा पंजाबी और बिहारी जो हिन्दी के अच्छे जानकार हैं उनकी संख्या यहाँ दिखाई गई है । |
42 | बांग्लादेश | 74737000 | भारत विभाजन तक यह भारत का हिस्सा था। औसत बंगाली भाषी हिन्दी जानता है । इसलिए यहाँ हिन्दी के जानकार बहुत हैं । उर्दू को यहा मैंने शामिल नहीं किया है । |
योग | 94436510 |
स्रोत : डॉ जयंती प्रसाद नौटियाल की शोध रिपोर्ट – 2023 ( 19 वाँ संस्करण )
तालिका – 5
अन्य देशों का विवरण जहां हिन्दी जानने वाले कम संख्या में हैं । ( विदेशी भारतीयों के आंकड़े , विदेश मंत्रालय , भारत सरकार की वेब साइट से लिए गए । हिन्दी जानकारों की संख्या डॉ नौटियाल की शोध से संग्रहीत हैं ।
क्र सं | राष्ट्र का नाम | हिन्दी जाननेवाले | भाषा की गणना के संबंध में टिप्पणी ( विदेशी भारतीयों संबंधी आंकड़े विदेश मंत्रालय भारत सरकार से लिए गए हैं , इन्हें कोष्ठक में दिखाया गया है ) |
1 | अल्बानिया | 30 | कुल( 56 )विदेशी भारतीय रहते हैं इनमे 30 हिन्दी के जानकार हैं |
2 | अल्जीरिया | 3140 | (5710) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
3 | एंडोरा | 94 | (170 )विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
4 | अंगोला | 2475 | (4500) कुल विदेशी भारतीय रहते हैं इनमे, होटल व्यवसाय , स्टील उद्योग एवं कुछ मजदूर हैं । 2475 हिन्दी के जानकार हैं |
5. | एंगुयाला | 22 | (40) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
6 | अंकारा | 764 | (1389) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
7 | एंटिगुआ | 146 | (265) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
8 | अर्जेन्टीना | 1430 | (2600) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
9 | आर्मेनिया | 825 | (1500) होटल व्यवसाय तथा अन्य कार्यों में संलग्न हैं। |
10 | अरूबा | 750 | (1000) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
11 | अजरबेजान | 538 | (977) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
12 | बहामास | 165 | (300) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
13 | बार्बडोस | 2700 | (3100) में से 2700 हिन्दी के जानकार हैं यहाँ हिन्दी, उर्दू, केरेबियन हिन्दी, सिंधी ,गुजराती,तमिल, तेलुगू आदि भाषाएँ बोली जाती हैं । |
14 | बेलारूस | 750 | (954) में हिन्दू बहुलता के कारण हिन्दी का महत्व है । धार्मिक कार्यक्रमों के नाम शुद्ध हिन्दी में रखे जाते हैं |
15 | बेलिज़ | 8080 | (10100) की जनसंख्या में भोजपुरी, अवधी , हिन्दी, गुजरती, सिंधी,तमिल, तेलुगू भाषी हैं 80% हिन्दी के जानकार हैं । |
16 | बेनिन | 900 | (1563) , विदेशी भारतवासी 90 भारतीय कंपनियाँ बेनिन में कार्यरत हैं |
17 | बोलिविया | 33 | (60) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
18 | बोनाइरे | 140 | (254) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
19 | बोस्निया | 14 | (26) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
20 | ब्राज़ील | 2700 | (5073) , मुंबई, गोवा, दमन दीव, दिल्ली, बैंगलुरु , बंगाल तथा अन्य गिरमिटिया लोगों की बसाहत है । हिन्दी अमूमन समझी जाती है । |
21 | ब्रिटिश वर्जिन आय लैंड | 33 | (60) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
22 | बुल्गारिया | 164 | (297) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
23 | बुर्किना फसको | 112 | (205) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
24 | बुरुंडी | 275 | (500) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
25 | कंबोडिया | 800 | (1510), भारत का ही भूभाग था, हिन्दू धर्म का बौद्ध में अंतरण के बाद संस्कृत का ह्रास हुआ । हिन्दी सुपरिचित भाषा थी । |
26 | कैमरून | 320 | (800) में से 40 % हिन्दी के जानकार हैं |
27 | केप वेर्दे | 05 | (20) विदेशी भारतीयों मे 2 5% हिन्दी के जानकार हैं । |
28 | सायमन आय . | 378 | (1510) विदेशी भारतीयों मे 2 5% हिन्दी के जानकार हैं । |
29 | सें अफ्रीकन गणतन्त्र | 45 | (100) विदेशी भारतीयों मे 45% हिन्दी के जानकार हैं । |
30 | चाड | 60 | (120) विदेशी भारतीयों मे 50 % हिन्दी के जानकार हैं । |
31 | चिली | 2541 | (3630) मे सिंधी , हिन्दी ,उर्दू बोलने वाले अधिक मात्र मे हैं । विदेशी भारतीयों मे 70% हिन्दी के जानकार हैं । |
32 | कोलम्बिया | 53 | (539) विदेशी भारतीयों मे 10 % हिन्दी के जानकार हैं । |
33 | कोमोरोस | 58 | (230) विदेशी भारतीयों मे 25% हिन्दी के जानकार हैं । |
34 | कोंगों रेपब्लिक | 270 | (598) सेवा क्षेत्र मे कार्यरत हैं विदेशी भारतीयों मे 45% हिन्दी के जानकार हैं । |
35 | कुक आइ लैंड | 206 | (1031) फ़िजी से आए भारतीय और व्यवसाय मे लगे है । विदेशी भारतीयों मे 20 % हिन्दी के जानकार हैं । |
36 | कोस्टरिका | 46 | (1031) विदेशी भारतीयों मे 35% हिन्दी के जानकार हैं । |
37 | आइवरी कोस्ट | 525 | (1500) विदेशी भारतीयों मे 35% हिन्दी के जानकार हैं । |
38 | क्रोसिया | 27 | (106) विदेशी भारतीयों मे 25% हिन्दी के जानकार हैं । |
39 | क्यूबा | 30 | (601) विदेशी भारतीयों मे 5% हिन्दी के जानकार हैं । |
40 | कुरेकाओ | 375 | (1500) विदेशी भारतीयों मे 25% हिन्दी के जानकार हैं । |
41 | साइप्रस् | 4875 | (7499) विदेशी भारतीयों मे 6 5% हिन्दी के जानकार हैं ।इनमे सॉफ्टवेर इंजीनीयर्स, कम्युनिकेशन प्रॉफेशनल जैसे उच्च पदों पर कार्यरत हैं। |
42 | चेक गणराजय | 4950 | (4950) विदेशी भारतीयों मे 50% हिन्दी के जानकार हैं ।अधिकांश व्यापार करते हैं तथा होटल के मालिक हैं । |
43 | डिजिबौटी | 325 | (650) विदेशी भारतीयों मे 50 % हिन्दी के जानकार हैं ।अधिकांश व्यापारी और आइ टी प्रॉफेसनल हैं कुछ गुजरती व्यापारी भी हैं । |
44 | डोमिनीका | 97 | (215) विदेशी भारतीयों मे 45% हिन्दी के जानकार हैं ।इनमें गुजराती व्यापारी और आइ टी प्रोफेसनल अधिक हैं। |
45 | डोमिनीका गण तंत्र | 44 | (175) विदेशी भारतीयों मे 25% हिन्दी के जानकार हैं । |
46 | ईस्ट तिमूर | 25 | (100) विदेशी भारतीयों मे 25% हिन्दी के जानकार हैं । |
47 | इकुएडर | 89 | (355) विदेशी भारतीयों मे 25% हिन्दी के जानकार हैं । |
48 | इजिप्ट | 2366 | (4301) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
49 | अल साल्वाडोर | 5 | (17) विदेशी भारतीयों मे 25% हिन्दी के जानकार हैं । |
50 | ईरिट्रिया | 228 | (303) विदेशी भारतीयों मे 7 5% हिन्दी के जानकार हैं ।गुजराती व्यापारी तथा कंपनियों में कार्य करते हैं । |
51 | एस्टोनिया | 640 | (1163) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
52 | इथोपिया | 3033 | (5515) विदेशी भारतीयों मे 55% हिन्दी के जानकार हैं ।गुजराती व्यापार एवं कमीशन एजेंट हैं कुछ नौकरी करते हैं । |
53 | गैबॉन | 500 | (1110) विदेशी भारतीयों मे 45% हिन्दी के जानकार हैं ।गुजराती व्यापार करते हैं ,अन्य भारतीय भी व्यापारी हैं कुछ नौकरी करते हैं । |
54 | गांबिया | 466 | (716) विदेशी भारतीयों मे 65% हिन्दी के जानकार हैं ।महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और अन्य प्रदेशों से आए हैं ये व्यापार मे लगे हैं और कुछ नौकरी करते हैं । |
55 | जॉर्जिया | 2240 | (3200) जॉर्जिया जॉर्जियामें रह रहे भारतीय , भारतीय कंपनियों में काम करते है , जॉर्जिया के निवासी भी हिन्दी सीखने में रुचि रहहते हैं लगभग 70% हिन्दी के जानकार हैं । |
56 | ग्रेनाडा | 3308 | (5200) विदेशी भारतीयों मे 65% हिन्दी के जानकार हैं । कुछ स्रोत भारतीयों की संख्या 12000 दिखआते हैं । |
57 | ग्वाटेमाला | 54 | (83) विदेशी भारतीयों मे 65% हिन्दी के जानकार हैं । |
58 | गिनी | 280 | (700) विदेशी भारतीयों मे अधिकांश भारतीय कंपनियों मे काम करते हैं कुछ खेती और व्यापार करते हैं अधिकांश 40 % हिन्दी के जानकार हैं । |
59 | गिनी बसाऊ | 72 | (104) विदेशी भारतीयों मे 70 % हिन्दी के जानकार हैं । |
60 | हैती | 319 | (580) विदेशी भारतीयों मे तमिल , तेलुगू , मलयालम ,तुलु। कन्नड , हिन्दी भाषाएँ बोलते हैं 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
61 | होण्डुरास | 02 | (17) विदेशी भारतीयों मे 10 % हिन्दी के जानकार हैं । |
62 | हंगरी | 345 | (1150) विदेशी भारतीयों मे 30 % हिन्दी के जानकार हैं ।कुछ स्रोत 2000 से 5000 दर्शाते हैं । |
63 | आइस लैंड | 217 | (333)विदेशी भारतीयों मे 65% हिन्दी के जानकार ये भारत वासी होटल उद्योग और विभिन्न कार्यों में संलग्न हैं । |
64 | ईरान | 2602 | (4337) विदेशी भारतीयों मे 60 % हिन्दी के जानकार हैं ।गुजराती , पारसी और मराठी तथा हिन्दी जानते हैं |
65 | कजाखस्थान | 3442 | (6885) , इसमें काफी बड़ी संख्या में हिन्दी जानते हैं, अधिकांश भवन निर्माण के मजदूर हैं । कुल 50% हिन्दी के जानकार हाइन्न |
66 | किरबत्ति | 5 | (50) विदेशी भारतीयों मे 10 % हिन्दी के जानकार हैं |
67 | कोरिया (DPR) | 3 | (16) विदेशी भारतीयों मे 20 % हिन्दी के जानकार हैं |
68 | लाओस(PDR ) | 212 | (528) विदेशी भारतीयों मे 40 % हिन्दी के जानकार हैं |
69 | लतिविया | 393 | (785) विदेशी भारतीयों मे 50 % हिन्दी के जानकार हैं |
70 | लेबनान | 5121 | (8535) विदेशी भारतीयों मे 60 % हिन्दी के जानकार हैं। अधिकांश भारतीय और कुछ नेपाली भाषा बोलते हैं । |
71 | लायबेरिया | 7500 | (1500) विदेशी भारतीयों मे 5 0 % हिन्दी के जानकार हैं। इनमें अधिकांश शिक्षक ,लेखाकार ,प्रोफेशनल एवं व्यापारी हैं। 150 भारतीय कंपनियाँ कार्यरत हैं |
72 | लीबिया | 901 | (1502) विदेशी भारतीयों मे 60 % हिन्दी के जानकार हैं। कई सरकारी और गैर सरकारी भारतीय कंपनियाँ कार्यरत हैं । |
73 | लिकटुनस्टाईन | 05 | (10) विदेशी भारतीयों मे 50 % हिन्दी के जानकार हैं। |
74 | लिथुवानिया | 730 | (1042) विदेशी भारतीयों मे 70 % हिन्दी के जानकार । लिथुवानिया की भाषा संस्कृत से मिलती जुलती हैं। लिथुवानिया निवासी भी हिन्दी काफी मात्र मे सीखते हैं । |
75 | मेसेडोनिया | 5 | (10) विदेशी भारतीयों मे 50 % हिन्दी के जानकार हैं। |
76 | मलावी | 7700 | (11000) विदेशी भारतीयों मे 70 % हिन्दी के जानकार हैं।पंजाब गुजरात उत्तर प्रदेश, बिहार ,और पशमी बंगाल से गिरमिटिया मजदूर यहाँ लायी गए थे । |
77 | माली | 219 | (437) विदेशी भारतीयों मे 50 % हिन्दी के जानकार हैं। |
78 | माल्टा | 2000 | (5000) मूलतः सिंधी हैं तथा स्वास्थ्य सेवाओं मेन केरल के लोग हैं .इन विदेशी भारतीयों मे 40 % हिन्दी के जानकार हैं। |
79 | मार्शल आइस लैंड | 02 | (15) विदेशी भारतीयों मे लगभग 10 % हिन्दी के जानकार हैं। |
80 | मोरेटेनिया | 15 | (150) कर्नाटक के मंगलूर से सिस्टर्स यहाँ बस गई हैं , कुछ आँय भारतीय भी हैं । हिन्दी के जानकार 10 % हैं । |
81 | मेक्सिको | 3250 | (6500) विदेशी भारतीयों मे 50 % हिन्दी के जानकार हैं। अधिकांश प्रोफेशनल हैं । कुछ लक्ष्मी मित्तल की कंपनी मे काम करते हैं। |
82 | माइक्रोनेसिया | 11 | (35) विदेशी भारतीयों मे 30 % हिन्दी के जानकार हैं। |
83 | माल्डोवा | 244 | (608) विदेशी भारतीयों मे 40 % हिन्दी के जानकार हैं। |
84 | मोनेको | 21 | (70) विदेशी भारतीयों मे 30 % हिन्दी के जानकार हैं। |
85 | मंगोलिया | 16 | (155) कांगड़ा , हिमाचलप्रदेश से हजारो वर्ष पूर्व भारतीय गए थे । 2000 साल के बाद ये वापस आ गए थे । अब केवल 155 आप्रवासी ही रह गए हैं 10 % हिन्दी जानते हैं |
86 | मोण्ट्सेरात | 24 | (240) विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
87 | मोरोक्को | 142 | (355) विदेशी भारतीयों मे 4 0 % हिन्दी के जानकार हैं।हिन्दी फिल्में बडी मात्रा मे देखी जाती हैं । हिन्दी के प्रति लगाव है । |
88 | नामीबिया | 156 | (259) कई भारतीय कंपनियाँ यहा स्थापित हैं । इनमे काम करने वाले कुछ भारतीय हैं कुछ व्यापार करते हैं 60% हिन्दी जानते हैं |
89 | नारु | 2 | (20) विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
90 | नीदर लैंड एंटिलस | 3140 | (6281) विदेशी भारतीयों मे 50 % हिन्दी के जानकार हैं। |
91 | निकारागुआ | 4 | (40) विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
92 | नाइगर | 30 | (150) विदेशी भारतीयों मे 2 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
93 | निउए | 1 | (9) विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
94 | पलाऊ | 6 | (27) विदेशी भारतीयों मे 2 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
95 | पेलेस्टाइन | 2 | (20) विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
96 | न्यू गिनी | 1500 | (3000) विदेशी भारतीयों मे 5 0 % हिन्दी के जानकार हैं। जायदातार शिक्षक, चिकित्सक और प्रोफेशनल हैं |
97 | पराग्वे | 120 | (600) विदेशी भारतीयों मे 2 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
98 | पेरु | 45 | (454) विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
99 | रवांडा | 1800 | (3000) अधिकांश गुजरती समाज से हैं , इसलिए यहा हिन्दी के जानकार 60 प्रतिशत हैं। |
100 | रोमानिया | 986 | (1972) विदेशी भारतीयों मे 5 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
101 | सामोआ | 3 | (30) विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
102 | साओ तोमे | 5 | (51) विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
103 | स्नेगल | 212 | (532) अधिकांश भारतीय कंपनियों में काम करते हैं । विदेशी भारतीयों मे 4 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
104 | सर्बिया | 160 | (320) विदेशी भारतीयों मे 5 0 % हिन्दी के जानकार हैं। अधिकांश भारतीय कंपनियों में काम करते हैं । |
105 | स्लोवाक गण | 165 | (550) विदेशी भारतीयों मे 3 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
106 | स्लोवानिया | 73 | (182) विदेशी भारतीयों मे 4 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
107 | सोलोमन आइस लैंड | 15 | (50) विदेशी भारतीयों मे 30 % हिन्दी के जानकार हैं। |
108 | सोमालिया | 30 | (100) विदेशी भारतीयों मे 30 % हिन्दी के जानकार हैं। |
109 | सेंट किट्स एंड नेविस | 165 | (550) विदेशी भारतीयों मे 30 % हिन्दी के जानकार हैं। |
110 | सेंट विन्सेंट एंड द ग्रेनाडियन्स | 775 | (7750) अधिकांश दक्षिण के राज्यों जैसे तमिलनाडू, आंध्रा, कर्नाटक। केरल से थे ,कुछ बंगाल से भी आकार यहाँ बसे हैं । केवल 10% हिन्दी के जानकार हैं । |
111 | सूडान | 640 | (1600) विदेशी भारतीयों मे 40 % हिन्दी के जानकार हैं। |
112 | दक्षिणी सूडान | 330 | (1100) विदेशी भारतीयों मे 30 % हिन्दी के जानकार हैं। |
113 | स्वाज़ी लैंड | 375 | (1500) विदेशी भारतीयों मे 25 % हिन्दी के जानकार हैं। |
114 | सीरिया | 9 | (94) विदेशी भारतीयों मे 10 % हिन्दी के जानकार हैं। |
115 | ताजिकिस्तान | 450 | (1500) विदेशी भारतीयों मे 30 % हिन्दी के जानकार हैं। |
116 | टोगो | 153 | (510 )विदेशी भारतीयों मे 3 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
117 | टोंगा | 5 | (46 )विदेशी भारतीयों मे 1 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
118 | ट्यूनीसिया | 7 | (137) विदेशी भारतीयों मे 5 % हिन्दी के जानकार हैं। |
119 | तुर्की | 683 | 1708 में अधिकांश डॉक्टर और प्रोफेशनल हैं । कुछ भारतीय कंपनियों में काम करते हैं . विदेशी भारतीयों मे 4 0 % हिन्दी के जानकार हैं। |
120 | तुर्कमेनिस्तान | 120 | (2400 ) में 50% हिन्दी के जानकार हैं । हिन्दी फिल्में और हिन्दी गानों की धुन पर यहाँ के लोग थिरकते हैं । |
121 | तुर्क एंड ककोस आइस लैंड | 118 | (235) में से अधिकांश डॉक्टर एवं प्रोफेसनल है, सिंधी मूल के व्यापारी आभूषण और अन्य व्यापार में लगे हैं । |
122 | तुवालु | 5 | (50) भारतीय मूल के निवसी हैं । 10% हिन्दी के जानकार हैं । |
123 | यूक्रेन | 3981 | (7963) भारत के विभिन्न भागों से यहाँ आकर रहने वाले लोग हैं । 50 % हिन्दी के जानकार हैं। |
124 | उरुग्वे | 300 | (600) यहाँ अधिकांश प्रोफेसनल हैं । इनमे हिन्दी के जानकार 55% हैं । |
125 | उज्बेकिस्तान | 199 | (399) भारत के विभिन्न भागों से आकर यहाँ बसे हैं । इनमें 55% हिन्दी के जानकार हैं । |
126 | वनौतु | 405 | (810) फ़िजी से आए भारतीय यहा रहते हैं कुछ भारत से चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत हैं । 50% हिन्दी के जानकार हैं । |
127 | वेनेजुएला | 40 | (80) लगभग 50 हिन्दी के जानकार हैं । |
128 | वियतनाम | 2750 | (5500) स्थानीय भाषा सहित भारतीय भाषाओं का प्रयोग होता है । लगभग 50 % हिन्दी के जानकार हैं। |
129 | जिम्बावे | 5700 | (9500) भारतीयों में गुजराती प्रभावशाली समुदाय है । भारतीय भाषाओं का भी प्रयोग भी होता है। 60% हिन्दी के जानकार हैं । |
योग | 119854 |