जिंदगी को गुदगुदाते शब्द अनूप अलग जी की भावनाओं का समंदर है.
भस्मधारी “अलग” ने अपनी कविताओं में आध्यात्म और दर्शन के साथ – साथ सामाजिक विषयों पर भी अपनी कलम चलाई है। पिता श्री राजेन्द्र प्रसाद और माता से प्राप्त संस्कारों की झलक इनके व्यक्तित्व के साथ – साथ इनकी रचनाओं में भी दिखाई देती है। अभियांत्रिकी से स्नातक करने के उपरांत कैलिफोर्निया में सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार के रूप में कार्यरत भस्मधारी अलग का वास्तविक नाम अनूप कुमार है।
भस्मधारी अलग लखनऊ के आज़ाद नगर के मूल निवासी हैं जबकि वर्तमान में अमेरिका के कैलिफोर्निया में निवास कर रहे है। आप विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। साहित्यिक गतिविधियों के लिए सखी साहित्य परिवार, धार्मिक गतिविधियों के लिए अखिल भारतीय गायत्री परिवार और सामाजिक गतिविधियों के लिए हिन्दू कम्युनिटी इंस्टीट्यूट, कैलिफोर्निया से संबद्धता उल्लेखनीय है।
भस्मधारी अलग लेखन का कार्य शौकिया तौर पर करते हैं। दुनिया को अलग नजर से देखना और जो दूसरे लोगों को नहीं दिख रहा उसे भी देख लेने की आपकी कला अद्वितीय है। “जिंदगी को गुदगुदाते शब्द” भस्मधारी अलग की पहली पुस्तक है जिसमें जीवनोपयोगी कविताओं का संग्रह है।