जिंदगी को गुदगुदाते शब्द | भस्मधारी अलग | जल्द प्रकाशित हो रही है

gudgudate shabd

जिंदगी को गुदगुदाते शब्द अनूप अलग जी की भावनाओं का समंदर है. भस्मधारी “अलग” ने अपनी कविताओं में आध्यात्म और दर्शन के साथ – साथ सामाजिक विषयों पर भी अपनी कलम चलाई है। पिता श्री राजेन्द्र प्रसाद और माता से प्राप्त संस्कारों की झलक इनके व्यक्तित्व के साथ – साथ इनकी रचनाओं में भी दिखाई […]

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वेदना | कहीं पर संवेदनाएं है | 2 कविता | मनीष जौनपुरी

manish jaunpuri

1. कहीं पर संवेदनाएं है।कहीं पर संभावनाएं है।आहत हुई आत्माओं से,घर हमने बनाएं है।विषाद अपना है।समुद्र के दोनों छोर तक।देखता हूं जिस तरफ़,चाहे जिस ओर तक।तिनके का एक सहारा,कर सकता है पार मुझे।उम्मीद के इस हर्ष ने,तोड़ा है कई बार मुझे।इतने शब्द कहां है।जिससे मैं कह सकूं,वो वेदना,जो जहां है।। 2. आईना… देख.. मैंने, ख़ुद

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हिंदी श्री फेसबुक पेज पर आयोजित ऑनलाइन कविसम्मेलन

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हिंदी श्री फेसबुक पेज पर आयोजित ऑनलाइन कविसम्मेलन के लिंक ज्योति कलश | दीपावली व बालदिवस विशेष कार्यक्रम | हिंदी श्री शुभ सन्देश -१. वरिष्ट आलोचक प्रो हरिश्चंद मिश्र जी, पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष शांतिनिकेतन कोलकाता २. वरिष्ट कवि रवि यादव रवि जी- फिल्म अभिनेता, निर्माता, मुंबई, महाराष्ट्र ३. वरिष्ठ साहित्यकार प्रो कृपाशंकर जी- अदिष्ठाता मानविकी

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चुनावी माहौल से जुडी ग़ज़लें | डॉ डी. एम. मिश्र

Dr dm mishra

डॉ डी. एम. मिश्र एक चर्चित ग़ज़लकार हैं जिनकी रचनाएं देश विदेश के पाठकों द्वारा बड़े चाव से पढ़ी जाती हैं। इनकी 500 से अधिक रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। कई ग़ज़ल की पुस्तकें प्रकाशित हैं। आप आकाशवाणी, दूरदर्शन, आजतक, ईटीवी, न्यूज़ 18 इंडिया आदि टी वी चैनलों पर अनेक कार्यक्रमों में

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डी एम मिश्र की ग़ज़लें हमारे होने का एहसास कराती हैं- श्रीधर मिश्र , गोरखपुर

lekin sawal tedha hai

पुस्तक समीक्षा साहित्यिक गतिविधियों की बात करें तो यह सक्रिय व सचेत साहित्यिक कर्म का प्राथमिक व सबसे जरूरी दायित्व होता है कि वह अपने समय को रचे भी व उसकी समीक्षा भी करे, इस उपक्रम में वह समय व सत्ता के समक्ष सवाल खड़ा करे, हम समय के उस काल खंड के साक्षी बनने

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भोलानाथ कुशवाहा BholanathKushvahaजी की नाटक की पुस्तक ईशा प्रकाशित हुई

isha

मिर्जापुर। जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ( BholanathKushvaha )की नाटक की पुस्तक “ईशा” प्रकाशित होकर आ गयी है। नाट्यकृति के रूप में आयी यह उनकी पाँचवीं पुस्तक है। जिसे उदीप्त प्रकाशन ने छापा है। इससे पूर्व उनके चार कविता संग्रह- कब लौटेगा नदी के उस पार गया आदमी (2007), जीना चाहता हूँ (2008), इतिहास

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हिन्दुस्तानी एकेडमी का युवा सम्मान मिर्ज़ापुर के चर्चित साहित्यकार शुभम् श्रीवास्तव ओम को

shubham shrivastav om

मिर्ज़ापुर जनपद के युवा नवगीतकार शुभम् श्रीवास्तव ओम को उनके नवगीत संग्रह ‘गीत लड़ेंगे अँधियारों से’ के लिए हिन्दुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज द्वारा वर्ष- 2020 के लिए ‘हिन्दुस्तानी एकेडमी युवा सम्मान’ दिये जाने की घोषणा की गयी है। सम्मान स्वरूप उन्हें 11 हजार रुपये प्रदान किये जायेंगे। जनपद के विकास खण्ड पहाड़ी अन्तर्गत बेलवन ग्राम में

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कुछ एहसास वेद प्रकाश प्रजापति जी की कविताओं का संग्रह शीघ्र प्रकाशित हो रही है

Kuchh ehsaas

कुछ एहसास ऐसे होते हैं जिन्हें कलमबद्ध करके मन को असीम शांति और सुख की अनुभूति होती है। वी पी प्रजापति जी ने भी “कुछ एहसास” के माध्यम से उसी सुख-शान्ति को प्राप्त करना चाहा है। “कुछ एहसास” एक ऐसा काव्य संग्रह है जिसमें वी पी प्रजापति जी ने अपने साथ कार्य करने वाले अधिकारियों

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