Nav Abhivyakty eBook- नव अभिव्यक्ति ईबुक – संपादक- भोलानाथ कुशवाहा
Nav Abhivyakti eBook (नव अभिव्यक्ति ईबुक) के बारे इस पुस्तक के संपादक श्री भोलानाथ कुशवाहा जी के विचार- समय के साथ चलते लोग।
समय के साथ चलते लोग
आज की परिस्थिति में जबकि कोरोना वैश्विक महामारी से हाहाकार मचा है, लोगों का मिलना-जुलना मुश्किल हो गया है और बार-बार लाक डाउन व कर्फ्यू के हालात बन रहे हैं, तब रचनाकारों के पास वर्चुवल संपर्क का विकल्प ही शेष रह गया है। इसलिए पिछले लगभग एक वर्ष से कवियों और लेखकों का अपनी अपनी रचनाओं के आदान-प्रदान व प्रस्तुति का माध्यम इंटरनेट पर आयोजित गोष्ठियाँ तथा कवि सम्मेलन बन रहे हैं। इस दौरान हो रही बंदी ने बुक प्रिंटिंग के कारोबार को भी बड़ा धक्का दिया है। ऐसे में कवि आनंद अमित ने अपने ‘हिंदी श्री’ पटल के माध्यम से कविता और अन्य विधाओं के रचनाकारों व कलाकारों को नेट पर प्रस्तुत होने का मौका दिया। अब उनकी धर्मपत्नी सावित्री जी ने ‘हिंदी श्री पब्लिकेशन’ का गठन कर रचनाकारों की पुस्तकें प्रकाशित करने का वीणा उठाया है। यह ई-बुक काव्य संकलन “नव अभिव्यक्ति” उसी का एक हिस्सा है, जो प्रशंसनीय है। इस संकलन में उन्होंने संपादक के अलावा 40 कवियों व शायरों की एक-एक रचना को शामिल किया है।
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कवियों व शायरों में सामान्यतया दो तरह का लेखन देखा जाता है। एक वो जो अपनी तरंग में बहुत कुछ कह जाते हैं। दूसरे वे जो साहित्य के विधागत मानकों का ध्यान रखते हुए भावाभिव्यक्ति करते हैं। कहते हैं कोई पेट से सब कुछ सीख कर नहीं आता। साहित्य लेखन में भी ऐसा ही है। आज जिसने लिखना शुरू किया है, वही लिखते-पढ़ते कल बड़ा रचनाकार बन सकता है। बस जानने-समझने और लगातार लिखने की लगन होनी चाहिए। यहाँ शामिल कवियों व शायरों में ऐसे अनेक रचनाकार हैं जो लेखन में सधे होने के साथ समय की परख करने में सक्षम हैं। वे विविध विषयों पर सटीक तंज करने के साथ प्रेम की भावनाओं की भी सहज अभिव्यक्ति में निपुण माने जा सकते हैं।
“नव अभिव्यक्ति” काव्य संकलन में शामिल 40 कवियों की रचनाओं में से कुछ चुनिंदा लोगों के काव्यांशों का जिक्र कर पाना मेरी मजबूरी है। जय चक्रवर्ती ने लिखा है- “तुम्हारी प्राथमिकताएं हमें मालूम हैं साहब।” कवि डा. जय प्रकाश प्रजापति लिखते हैं- “ख्वाहिशें खत्म कहाँ होती हैं किसी सिकंदर में। पता नहीं कब, कौन, आ जाए किसी बवंडर में। “आनंद अमित कहते है- “कुछ इतना रो बैठी आँखें, सागर सी हो बैठी आँखें।” शिब्बू गाजीपूरी कहते हैं- “जो अपने हद में ही रहा वह जानवर हुआ। जो हद को पार कर गया इंसान हो गया।” कृष्णकांत ‘कामिल’ लिखते हैं- “बात अलग है कोई काम करे न करे। लेकिन हम सरकार बनाकर रखते हैं।” रामराज कहते हैं- “देखते भी हो फेरते मुँह भी। कितनी सिद्दत से मुस्कुराते हो।” वेद प्रकाश ‘वेद’ लिखते हैं- “जिंदगी हँस के जी लेना भी एक कला है। मुश्किलों की लौ में यहाँ कौन नहीं जला है।” आज के समय पर दौलतराम प्रजापति का एक तंज देखिए-“घर से बाहर आफत बैठी पसरा है सन्नाटा, मिलना-जुलना बंद हुआ सब भूले सैर सपाटा। किससे कहें वेदना मन की समय हुआ जहरीला, गजब तुम्हारी उत्सव लीला।” रवि यादव ‘रवि’ ने अच्छा लिखा है- “सुनो रिश्तों में एक लय होती है” इसके साथ ही इस संकलन में शामिल, वीरेंद्र प्रधान, चाँदनी चंदा, राजेश राज ‘फेमस’, की रचनाओं का जिक्र करना जरूरी है क्योंकि ये संकलन को समृद्ध बनाने में सहायक हैं।

भोलानाथ कुशवाहा
संपादक
नव अभिव्यक्ति ईबुक में सम्मिलित रचनाकार
- श्री जय चक्रवर्ती- रायबरेली
- डॉ जय प्रकाश प्रजापति- कानपुर
- श्री भष्मधारी अलग- अमेरिका
- श्री वीरेंद्र प्रधान- सागर, मध्यप्रदेश
- श्री सौरभ सोनी- अमेरिका
- श्री भोला नाथ कुशवाहा (संपादक)- मिर्ज़ापुर
- श्री आनंद अमित – मिर्ज़ापुर
- श्री शिब्बू ग़ाज़ीपुरी- ग़ाज़ीपुर, उ प्र
- श्री केसरी प्रसाद प्रजापति- प्रयागराज
- श्री कृष्ण कांत कामिल- प्रयागराज
- श्री आलोक कपिनाथ- प्रयागराज
- श्रीमती चाँदनी चंदा- प्रयागराज
- श्री प्रीतम झा जी- बिहार
- श्री बलवीर सिंह अग्रोइया जी- पंजाब
- श्री रामराज – राजस्थान
- श्री वेद प्रकाश प्रजापति- मुम्बई
- श्रीमती आयुष्मती प्रजापति- मुम्बई
- श्री वेद प्रकाश वेद – प्रयागराज
- श्री लखन प्रतापगढ़ी- प्रयागराज
- श्री सेवा लाल प्रजापति- भदोही
- श्री रूपेश कुमार- बिहार
- श्री केदार नाथ सविता- मिर्ज़ापुर
- श्री सन्तोष कुमार प्रजापति ‘माधव’- महोबा
- प्रभात गौर – प्रयागराज
- श्री राजेश राज – गुजरात
- श्री अजय प्रजापति- झारखंड
- श्री कृष्ण कुमार – उड़ीसा
- श्री मनीष जौनपुरी- उ. प्र.
- श्री दौलत राम प्रजापति – म. प्र.
- श्री जय तिवारी – म. प्र.
- श्रीमति नेहा चितलांगिया- पश्चिम बंगाल
- श्री प्रमोद जोशी – गुड़गांव
- श्री रवि यादव – मुम्बई
- श्री आशीष कुमार- मिर्ज़ापुर
- श्री चंदन केसरी – बिहार
- कु. इला जायसवाल- मिर्ज़ापुर
- डॉ जियाउर रहमान जाफरी- बिहार
- श्री नरेश कुमार ‘निराला’- बिहार
- श्री धनंजय कुमार- बिहार
- डॉ.सुधा सिंह – मिर्ज़ापुर
- कुमारी सृष्टि राज- मिर्ज़ापुर