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आदमी जिंदा रहे – दौलतराम प्रजापति | समीक्षा वेद प्रकाश वेद

आदमी जिंदा रहे

“आदमी जिंदा रहे” में जितनी भी ग़ज़लें हैं सभी आप सबके सामने एक प्रतिबिंब उपस्थित करेंगी– वेद प्रकाश ‘वेद’ “आदमी जिंदा रहे”- दौलतराम प्रजापति सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से आदरणीय- ‘दौलतराम प्रजापति जी’ की रचनाएं- नवगीत, गीत, ग़ज़लें आदि पढ़ने को अक्सर मिल ही जातीं और जब रचनाओं को पढ़ने लगता तो […]

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तन्हाइयों की महफ़िल | विमोचन | आशा दिनकर | हिंदी श्री | hindi shree

आशा दिनकर

आशा दिनकर ने अपने लेखन से समृद्ध किया है साहित्य को – मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ग़ज़ल संग्रह ‘तन्हाइयों की महफ़िल’ का हुआ विमोचन।    सभी रचनाकार लोक से जुड़े रहते हैं और लोक की ही बात रचनाओं में आती है- भोलानाथ कुशवाहा      मिर्ज़ापुर। आशा दिनकर द्वारा रचित ग़ज़ल संग्रह तन्हाइयों की महफ़िल का

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गीतांजलि श्री से एक मुलाकात | उषा राय | हिन्दी श्री | hindi shree

गीतांजलि श्री_उषा राय

मेरी हिन्दी मेरा धन है- गीतांजलि श्री अपने नए उपन्यास ‘रेत समाधि’की चर्चा के लिए लखनऊ आईं गीतांजलि श्री से मेरी मुलाकात हुई। निःसंन्देह गीतांजलि जी एक असाधारण लेखिका हैं जिसे जीवन के खाँचे और सरलीकरण परेशान करते हैं। वे मानती हैं कि जिन्दगी में कुछ भी निर्धारित नहीं है ,वह इधर से उधर होता

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नव अभिव्यक्ति | Nav Abhivyakti eBook | संपादक भोलानाथ कुशवाहा | हिन्दी श्री | hindi shree publication

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Nav Abhivyakty eBook- नव अभिव्यक्ति ईबुक – संपादक- भोलानाथ कुशवाहा Nav Abhivyakti eBook (नव अभिव्यक्ति ईबुक) के बारे इस पुस्तक के संपादक श्री भोलानाथ कुशवाहा जी के विचार- समय के साथ चलते लोग। समय के साथ चलते लोग आज की परिस्थिति में जबकि कोरोना वैश्विक महामारी से हाहाकार मचा है, लोगों का मिलना-जुलना मुश्किल हो

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