नवगीत एक परिचय | दौलतराम प्रजापति

daulat ram prajapati

नवगीत एक परिचय – प्रसिद्ध नवगीतकार दौलत राम प्रजापति जी नए रचनाकारों के मन में एक प्रश्न सहज ही आता है कि नवगीत क्या है क्या इसे गीत से अलग विधा माना जाय या नहीं तो इसके लिए आपको ज्यादा सिर खपाने की जरूरत नही बस इतना समझ लीजिए कि नवगीत एक समसामयिक विधा है […]

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कुछ एहसास | वेद प्रकाश प्रजापति

kuchh ehsaas 20 kb

कुछ एहसास ऐसे होते हैं जिन्हें कलमबद्ध करके मन को असीम शांति और सुख की अनुभूति होती है। वी पी प्रजापति जी ने भी “कुछ एहसास” के माध्यम से उसी सुख-शान्ति को प्राप्त करना चाहा है। “कुछ एहसास” एक ऐसा काव्य संग्रह है जिसमें वी पी प्रजापति जी ने अपने साथ कार्य करने वाले अधिकारियों

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रेलवे फाटक | आनंद अमित

railway fatak by anand amit

आनंद अमित की कहानियों का संकलन है “रेलवे फाटक” “रेलवे फाटक” कहानी संकलन ग़ाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश के कवी व् लेखक आनंद अमित जो की वर्तमान में मिर्ज़ापुर में रह रहे हैं, की कहानियों का संग्रह है। इस कहानी संकलन में छाता, दादी अम्मा के सिक्के, रेलवे फाटक, सूनी छत, कच्ची मिटटी, धुंध और आज़ादी के

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जिंदगी को गुदगुदाते शब्द | भस्मधारी अलग | जल्द प्रकाशित हो रही है

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जिंदगी को गुदगुदाते शब्द अनूप अलग जी की भावनाओं का समंदर है. भस्मधारी “अलग” ने अपनी कविताओं में आध्यात्म और दर्शन के साथ – साथ सामाजिक विषयों पर भी अपनी कलम चलाई है। पिता श्री राजेन्द्र प्रसाद और माता से प्राप्त संस्कारों की झलक इनके व्यक्तित्व के साथ – साथ इनकी रचनाओं में भी दिखाई

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वेदना | कहीं पर संवेदनाएं है | 2 कविता | मनीष जौनपुरी

manish jaunpuri

1. कहीं पर संवेदनाएं है।कहीं पर संभावनाएं है।आहत हुई आत्माओं से,घर हमने बनाएं है।विषाद अपना है।समुद्र के दोनों छोर तक।देखता हूं जिस तरफ़,चाहे जिस ओर तक।तिनके का एक सहारा,कर सकता है पार मुझे।उम्मीद के इस हर्ष ने,तोड़ा है कई बार मुझे।इतने शब्द कहां है।जिससे मैं कह सकूं,वो वेदना,जो जहां है।। 2. आईना… देख.. मैंने, ख़ुद

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हिंदी श्री फेसबुक पेज पर आयोजित ऑनलाइन कविसम्मेलन

hindi shree

हिंदी श्री फेसबुक पेज पर आयोजित ऑनलाइन कविसम्मेलन के लिंक ज्योति कलश | दीपावली व बालदिवस विशेष कार्यक्रम | हिंदी श्री शुभ सन्देश -१. वरिष्ट आलोचक प्रो हरिश्चंद मिश्र जी, पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष शांतिनिकेतन कोलकाता २. वरिष्ट कवि रवि यादव रवि जी- फिल्म अभिनेता, निर्माता, मुंबई, महाराष्ट्र ३. वरिष्ठ साहित्यकार प्रो कृपाशंकर जी- अदिष्ठाता मानविकी

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चुनावी माहौल से जुडी ग़ज़लें | डॉ डी. एम. मिश्र

Dr dm mishra

डॉ डी. एम. मिश्र एक चर्चित ग़ज़लकार हैं जिनकी रचनाएं देश विदेश के पाठकों द्वारा बड़े चाव से पढ़ी जाती हैं। इनकी 500 से अधिक रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। कई ग़ज़ल की पुस्तकें प्रकाशित हैं। आप आकाशवाणी, दूरदर्शन, आजतक, ईटीवी, न्यूज़ 18 इंडिया आदि टी वी चैनलों पर अनेक कार्यक्रमों में

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डी एम मिश्र की ग़ज़लें हमारे होने का एहसास कराती हैं- श्रीधर मिश्र , गोरखपुर

lekin sawal tedha hai

पुस्तक समीक्षा साहित्यिक गतिविधियों की बात करें तो यह सक्रिय व सचेत साहित्यिक कर्म का प्राथमिक व सबसे जरूरी दायित्व होता है कि वह अपने समय को रचे भी व उसकी समीक्षा भी करे, इस उपक्रम में वह समय व सत्ता के समक्ष सवाल खड़ा करे, हम समय के उस काल खंड के साक्षी बनने

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